Tilak Varma Indian Cricket Team: तिलक वर्मा (Tilak Varma) ने इंटरनेशनल करियर में शानदार आगाज का क्रेडिट रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को दिया है. उनका कहना है भारत के कप्तान से उन्हें लगातार मार्गदर्शन मिलता है. तिलक वर्मा ने वेस्ट इंडीज दौरे पर टी20 सीरीज के जरिए इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा. उन्होंने डेब्यू मैच में छक्के के साथ खाता खोला. फिर दूसरे मैच में अर्धशतक लगाया. अभी तक भारत-वेस्ट इंडीज टी20 सीरीज (India vs West Indies T20I Series) के दो मैचों में तिलक भारतीय क्रिकेट टीम के चमकीले सितारे बनकर उभरे हैं. उन्होंने दूसरे टी20 में अर्धशतक के बाद जश्न मनाने के तरीके को लेकर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि यह रोहित शर्मा की बेटी समायरा के लिए था.
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तिलक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'वे (रोहित भाई) सपोर्ट सिस्टम हैं और मुझसे हमेशा गेम का आनंद लेने को कहते हैं. वह हमेशा मुझे बताते हैं कि कैसे खेलना है. बचपन से मेरी इंस्पिरेशन सुरेश रैना और रोहित भाई रहे हैं. मैं ज्यादा समय रोहित भाई के साथ ही गुजारता हूं. पहले आईपीएल में उन्होंने कहा था कि तिलक सभी फॉर्मेट का खिलाड़ी है और इससे मेरा हौंसला बढ़ा.' तिलक ने दूसरे टी20 मुकाबले में 41 गेंद में 51 रन की पारी खेली थी. इससे भारतीय टीम ने 152 रन का लक्ष्य बनाया जिसे वेस्ट इंडीज ने निकोलस पूरन के 40 गेंद में 67 रन के दम पर 18.5 ओवर में हासिल कर लिया.
तिलक ने दूसरे टी20 की विकेट को लेकर कहा, 'पिच धीमी थी और इसमें दोहरा उछाल था. इसलिए पहले हमने सोचा कि 150-160 रन काफी होंगे लेकिन मुझे लगता है कि 10 रन कम बने. पूरन को श्रेय जाता है, उन्होंने काफी अच्छी बैटिंग की. हम जानते थे कि अगर हमें एक विकेट मिला तो हम मैच बचा लेंगे क्योंकि विकेट आसान नहीं था और यह धीमा था. उन्होंने काफी अच्छी बॉलिंग की. उन्होंने धीमी गेंदों का इस्तेमाल किया और हार्ड लैंथ पर गेंद डाली. उन्होंने हवा को भी अच्छे से काम में लिया.'
तिलक ने फिफ्टी के बाद के सेलिब्रेशन पर खोला राज
तिलक ने अर्धशतक बनाने के बाद किए गए सेलिब्रेशन को रोहित की बेटी समायरा को डेडिकेट किया. इस बारे में उन्होंने बताया, 'यह रोहित भाई की बेटी सैमी के लिए था. मैं उसके काफी करीब हूं. मैंने उससे वादा किया था कि जब भी मैं शतक या अर्धशतक लगाउंगा तब उसके लिए सेलिब्रेशन करूंगा.'
तिलक ने अभी तक के अपने सफर को लेकर कहा, 'इंटरनेशनल क्रिकेट आसान नहीं है. इसमें बने रहने के लिए निरंतरता जरूरी है. आपको मैदान के अंदर और बाहर अनुशासित रहना होता है. आपको खेल को लेकर अनुशासित रहना होगा. अगर आप लगातार यह सब करते हैं तो अच्छे नतीजे मिलते हैं. जो दो आईपीएल सीजन मैंने खेले हैं वह मेरे करियर का टर्निंग पॉइंट रहा है. वहां किए गए प्रदर्शन ने मुझे भारत टीम में शामिल कराया.'
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