बीसीसीआई के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली पर बड़ा बयान दिया है. फिटनेस को लेकर उन्होंने कहा है कि विराट कोहली की फिटनेस का प्रभाव टीम इंडिया पर काफी ज्यादा पड़ा है. इसके अलावा उन्होंने एमएस धोनी की भी तारीफ की है और कहा है कि वो डेटा एनालिटिक्स में महान हैं. अगरकर ने बताया कि 35 साल की उम्र में भी टक्कर के मामले में कोहली से कोई आगे नहीं है. विराट वो खिलाड़ी हैं जो बेंचमार्क सेट करते हैं. 10-15 सालों में उन्होंने अपनी फिटनेस पर काफी मेहनत की है और उसका नतीजा भी देखने को मिलता है.
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अजीत अगरकर ने कहा कि अगर आपकी टीम के भीतर कोई खिलाड़ी बेहद फिट है तो उससे दूसरे भी मोटिवेट होते हैं. इससे पूरा इकोसिस्टम आगे बढ़ता है. स्पोर्टिफाईविदपीआरदी से बातचीत में अगरकर ने कहा कि पिछले 15-20 सालों में आपने जो एक अंतर देखा है, वह खिलाड़ियों का फिटनेस स्तर है.
धोनी करते हैं मास्टर प्लान तैयार
गावस्कर ने धोनी को लेकर कहा कि उनके पास जितना डेटा उपलब्ध है, वह अविश्वसनीय है. कोई भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उन्हें रिप्लेस नहीं कर सकता है. आप एक पूरी पारी की योजना बना सकते हैं और मुझे लगता है कि अब हर कोई ऐसा करता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह हर समय काम करेगा. आपको मैदान पर एक कप्तान की जरूरत है क्योंकि सब कुछ आपके जैसा नहीं है. किसी स्पेशल दिन पर ऐसा हो सकता है, लेकिन अधिकांश दिनों में ऐसा नहीं होगा. और यहीं आपको धोनी जैसे कप्तान की जरूरत पड़ती है. यही कारण है कि आप एमएस धोनी को एक महान कप्तान कहते हैं क्योंकि उनके पास बेहद शानदार अनुभव है. उन्हें पता होता है कि मैच में क्या हो रहा है और क्या बदलने वाला है.
आईपीएल टैलेंट के लिए एक बड़ा मंच
अगरकर ने कहा कि आईपीएल टैलेंट को पहचानने का एक शानदार मंच बन गया है. लेकिन इस दौरान कई खिलाड़ी इस टूर्नामेंट से भी बाहर हो जाते हैं. कुछ महीनों के लिए ये सेलेक्ट होते हैं, बड़े स्टेज पर शानदार प्रदर्शन करते हैं. ऐसे में इस मंच पर काफी दबाव है. आप भले ही दुनिया के टॉप बल्लेबाजों को गेंदबाजी करवा रहे हैं. या फिर किसी टॉप गेंदबाज का सामना कर रहे हों. इसी दौरान ये पता चलता है कि आप कितने महान खिलाड़ी हैं और कितना शांत होकर खेल सकते हैं.
अगरकर ने बताया कि डोमेस्टिक से कई खिलाड़ी आ रहे हैं और खेल रहे हैं. लेकिन यहां आपको खिलाड़ियों का स्वभाव देखना पड़ता है कि आखिर दबाव में वो कैसा खेल दिखाते हैं. और हमारे लिए यही सबसे मुश्किल काम है. अगरकर ने बताया कि टूर्नामेंट में आप किसी से दोस्ती तो नहीं कर सकते लेकिन दूसरों की सफलता में आप जश्न जरूर मना सकते हैं. कई बार हालांकि ये मुश्किल भी होता है.
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