सरफराज खान का फील्डिंग में करिश्मा, 3 हैरतअंगेज कैच लपक कर सबको चौंकाया, मुंबई ने पुडुचेरी को पारी से रौंदा

सरफराज खान की कमाल की फील्डिंग की बदौलत मुंबई ने पुडुचेरी को एक पारी और 222 रन से हरा दिया है. इस जीत के बाद टीम के कप्तान शार्दुल ठाकुर काफी ज्यादा खुश दिखे.

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ट्रेनिंग सेशन के दौरान सरफराज खान

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सरफराज खान की फील्डिंग से मुंबई जीत गई

मुंबई ने पुडुचेरी को हरा दिया

मुंबई ने पुडुचेरी को रणजी में हरा दिया है. जीत के बाद मुंबई के कप्तान शार्दुल ठाकुर बेहद ज्यादा खुश दिखे. कप्तान के तौर पर शार्दुल को लगातार दूसरे मैच में बड़ी जीत मिली है. मुंबई ने पुडुचेरी को चौथे दिन सुबह ही पारी और 222 रनों से हरा दिया. इससे टीम पॉइंट्स टेबल में सबसे ऊपर पहुंच गई. इस जीत के साथ मुंबई के खिलाड़ी आत्मविश्वास से लैस हैं. मैच की बात करें तो मुंबई ने पहले बैटिंग की और 5 विकेट गंवा 630 रन बनाए और पारी घोषित कर दी. इसके बाद पुडुचीरे की टीम 132 रन पर ढेर हो गई. फिर टीम ने फॉलोऑन लिया जिसके बाद पुडुचेरी ने 276 रन बनाए. इसका नतीजा ये रहा कि अंत में टीम को हार मिली. मुंबई के लिए सिद्देश लाड ने 170 और आकाश आनंद ने 107 रन ठोके.

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बता दें कि सुबह मुंबई ने 231/6 से आगे खेलना शुरू किया. सिर्फ 8.3 ओवर में बाकी चार विकेट गिर गए और टीम को बोनस पॉइंट के साथ लगातार दूसरी जीत मिली. यह जीत इसलिए भी खास थी क्योंकि वानखेड़े में 2023-24 फाइनल के बाद पहला रणजी मैच हो रहा था.

फील्डिंग में छाए सरफराज खान

बता दें कि, चार में से तीन विकेट लेने में सबसे बड़ा हाथ सरफराज खान का रहा. उन्होंने तीन अलग-अलग तरह के शानदार कैच लपके. पहला कैच तुषार देशपांडे की गेंद पर सिद्धांत अधाथराव का था. सरफराज ने बाईं तरफ हवा में छलांग लगाई और दोनों हाथों से गेंद पकड़ ली. दूसरा कैच तो और कमाल था. पुडुचेरी के कप्तान सागर उदेशी का शॉट ऊपर उठ गया. सरफराज दूसरी स्लिप से पीछे की तरफ दौड़ते हुए शॉर्ट थर्ड मैन तक पहुंचे और उल्टी दिशा में दौड़ते हुए गेंद लपक ली. देशपांडे को दूसरा विकेट मिला. तीसरा कैच आसान था. जयंत यादव का कैच लेकर सरफराज ने मैच खत्म कर दिया. लंच से पहले ही खेल समाप्त हो गया.

शेड्यूल पर बोले शार्दुल

जीत के बाद शार्दुल ठाकुर ने मौजूदा शेड्यूल पर अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि, अब रेड बॉल के बाद सीधे व्हाइट बॉल खेलना पड़ता है. कई लोग इसे पसंद नहीं करते, लेकिन शार्दुल को कोई दिक्कत नहीं. उन्होंने कहा, “हर किसी की राय अलग होगी, लेकिन मुझे तो ठीक लगता है. लगातार दस-दस फर्स्ट क्लास मैच खेलना शरीर पर बहुत भारी पड़ता है. इंग्लैंड में भी ऐसा ही होता है. वहां सात-आठ मैच के बाद व्हाइट बॉल में डाल देते हैं. इससे दिमाग तरोताजा रहता है.

ठाकुर ने आगे कहा कि, तीन महीने सिर्फ एक ही फॉर्मेट खेलते रहो तो बोरियत हो जाती है. पांच रेड बॉल मैच, फिर थोड़ा ब्रेक, फिर व्हाइट बॉल, फिर वापस रेड बॉल. इससे दोनों फॉर्मेट में खिलाड़ी बने रहते हैं. जो खिलाड़ी इंडिया ए या सीनियर टीम के लिए खेलेंगे, उन्हें तो वैसे भी फॉर्मेट बदल-बदल कर खेलना पड़ेगा. यह अच्छी प्रैक्टिस है. वरना पूरे साल 14-15 फर्स्ट क्लास मैच हो जाते है. बीच-बीच में ब्रेक और फॉर्मेट बदलना खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद है. मुंबई का अगला रणजी मैच 22 जनवरी को हैदराबाद के खिलाफ से होगा.

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