भारत को अपने घर में दक्षिण अफ्रीका से 2 टेस्ट मैचों की सीरीज हारनी पड़ी है. इसके साथ ही हेड कोच गौतम गंभीर पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. पिछले 20-25 साल से भारत अपने घर में टेस्ट क्रिकेट में लगभग कभी नहीं हारता था, लेकिन अब लग रहा है कि यह ताकत कमजोर पड़ रही है. गुवाहाटी टेस्ट में टीम इंडिया की बैटिंग और बॉलिंग लाइनअप की पूरी तरह पोल खुल गई. यही कारण है कि गौतम गंभीर को फजीहत झेलनी पड़ रही है. ऐसे में साल 2000 से लेकर अब तक चलिए जानते हैं सभी भारतीय हेड कोच के रिकॉर्ड. इस दौरान हम ये बताएंगे कि किसने क्या किया और सबसे बेहतर कौन रहा.
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भारत के हेड कोच का घरेलू टेस्ट रिकॉर्ड (2000–01 से)
| जॉन राइट | 24 | 11 | 4 | 9 | 2.75 | 1 |
| ग्रेग चैपल | 6 | 3 | 1 | 2 | 3.00 | 0 |
| गैरी कर्स्टन | 19 | 10 | 2 | 7 | 5.00 | 0 |
| डंकन फ्लेचर | 15 | 11 | 2 | 2 | 5.50 | 1 |
| रवि शास्त्री | 19 | 15 | 1 | 3 | 15.00 | 0 |
| अनिल कुंबले | 13 | 10 | 1 | 2 | 10.00 | 0 |
| राहुल द्रविड़ | 13 | 9 | 2 | 2 | 4.50 | 0 |
| गौतम गंभीर | 9 | 4 | 5 | 0 | 0.80 | 2 |
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जॉन राइट (2000-2005) ने भारत को कोचिंग दी. उनके समय में टीम ने घर में कुल 24 टेस्ट मैच खेले, जिनमें से 11 मैच जीते, 4 हारे और 9 ड्रॉ रहे. उनका जीत-हार रेशियो 2.75 था और सिर्फ एक सीरीज हारी. उन्होंने भारतीय टीम में नया आत्मविश्वास जगाया.
ग्रेग चैपल (2005-2007) के कार्यकाल में भारत ने घरेलू मैदान पर 6 टेस्ट खेले. इनमें से 3 जीते, 1 हारा और 2 ड्रॉ रहे. उनका जीत-हार रेशियो 3.00 रहा और कोई भी घरेलू सीरीज नहीं हारी. घर में रिकॉर्ड अच्छा रहा, लेकिन टीम के अंदर काफी झगड़े हुए.
गैरी कर्स्टन (2008-2011) भारत के सबसे सफल कोच में से एक रहे. उनके नेतृत्व में टीम ने घर में 19 टेस्ट मैच खेले, जिनमें 10 जीते, सिर्फ 2 हारे और 7 ड्रॉ रहे. जीत-हार रेशियो 5.00 था और एक भी घरेलू सीरीज नहीं हारी.
डंकन फ्लेचर (2011-2015) ने उस दौर में टीम संभाली जब सचिन, द्रविड़, लक्ष्मण जैसे बड़े खिलाड़ी रिटायर हो रहे थे. उनके समय में भारत ने घर में 15 टेस्ट खेले. इनमें 11 जीते, 2 हारे और 2 ड्रॉ रहे. जीत-हार रेशियो 5.50 था, लेकिन एक सीरीज हार गए.
अनिल कुंबले (2016-2017) का कोचिंग कार्यकाल भले छोटा रहा, लेकिन शानदार था. उन्होंने घर में 13 टेस्ट कराए, जिनमें 10 जीते, सिर्फ 1 हारा और 2 ड्रॉ रहे. उनका जीत-हार रेशियो 10.00 था और कोई भी सीरीज नहीं हारी.
रवि शास्त्री (2017-2021) के समय भारत घर में चैंपियन बन गया था. उन्होंने 19 घरेलू टेस्ट में 15 जीत हासिल की, सिर्फ 1 हार और 3 ड्रॉ रहे. उनका जीत-हार रेशियो सबसे बेहतरीन 15.00 था और टीम एक भी घरेलू सीरीज नहीं हारी.
राहुल द्रविड़ (2021-2024) ने भी घर में मजबूत रिकॉर्ड बनाया. उनके कार्यकाल में 13 टेस्ट खेले गए, जिनमें 9 जीते, 2 हारे और 2 ड्रॉ रहे. जीत-हार रेशियो 4.50 था और टीम कोई सीरीज नहीं हारी. उन्होंने नए खिलाड़ियों को अच्छा मौका दिया और टीम को आगे बढ़ाया.
गौतम गंभीर (2024 से अब तक) अभी शुरुआती दौर में हैं, लेकिन उनका घरेलू रिकॉर्ड सबसे खराब है. अब तक 9 टेस्ट खेले गए हैं, जिनमें सिर्फ 4 जीते, 5 हारे और एक भी ड्रॉ नहीं हुआ. जीत-हार रेशियो महज 0.80 है, जो सभी कोच में सबसे कम है और वो पहले ही 2 घरेलू सीरीज हार चुके हैं.
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