लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए आईपीएल में डेब्यू करने वाले मयंक यादव रातोंरात सनसनी बन गए थे. 156.7 kmph की रफ्तार से गेंदबाजी करके उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी. उन्होंने अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को शांत भी रखा. हालांकि जल्द ही वो चोटों से घिर गए और चोट की वजह से वो कम ही मैच खेल पाए. तब से मयंक नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) में रिकवरी कर रहे हैं. मयंक मैदान पर वापसी के लिए बेताब थे, लेकिन दिल्ली प्रीमियर लीग (डीपीएल) से बाहर हो गए. इतना ही नहीं उन्हें दलीप ट्रॉफी 2024 के शुरुआती दौर के लिए भी नहीं चुना गया.
ADVERTISEMENT
मयंक वापसी की कोशिश कर रहे हैं. इसी बीच टीम इंडिया के पूर्व गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे का मानना है कि 22 साल के इस गेंदबाज को फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने की जरूरत है. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए म्हाम्ब्रे ने कहा-
मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि अगर वो तैयार नहीं है, तो उसे मत खिलाओ. ये वो उम्र है जहां उन्हें गेंदबाजी करनी चाहिए. एक गेंदबाज को गेंदबाजी करनी चाहिए. आप जितना अधिक गेंदबाजी करेंगे, उतना ही आपका कंट्रोल होगा. आपको पता चलेगा कि आपका शरीर कितना सहन कर सकता है. आप उन्हें ये कहकर नहीं रुई में नहीं लपेट सकते कि वह चोटिल हो जाएगा. हम उन्हें जरूरत से ज्यादा गेंदबाजी नहीं करवा सकते और उन्हें थका नहीं सकते, लेकिन हमें इस बारे में समझदारी से काम लेना होगा कि उन्हें कितनी गेंदबाजी करनी चाहिए. एक तेज गेंदबाज के तौर पर उन्हें फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने की जरूरत है.
पारस म्हाम्ब्रे ने आगे कहा-
जब आप एक सीजन खेलते हैं, तो आप अपनी गेंदबाजी को समझते हैं. आप अलग-अलग परिस्थितियों में गेंदबाजी करते हैं. शारीरिक रूप से खेल के विभिन्न चरणों में आपकी परीक्षा होगी. कभी-कभी आपको छह सेशन तक मैदान पर रहना होगा और आखिरी सेशन में उसी इरादे के साथ गेंदबाजी करने में सक्षम होने से आपको इंटरनेशनल स्तर पर खेलने पर आत्मविश्वास मिलेगा. मुझे लगता है कि मयंक को घरेलू सत्र में कड़ी मेहनत करने की जरूरत है.
ये भी पढ़ें:
Explained: भारत-पाकिस्तान के बीच 18 साल बाद टेस्ट मैच! कैसे IND vs PAK हो सकता है WTC फाइनल?
ADVERTISEMENT