टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर के अग्रेशन से हर कोई वाकिफ है. मैदान पर कई बार उनका गुस्सा फूटा. फिर चाहे वो बतौर खिलाड़ी हो या आईपीएल में बतौर मेंटॉर, गंभीर अपने तेवर को लेकर काफी चर्चा में रहे. एक बार तो वो गुस्से में एक ट्रक पर चढ़ गए थे और ड्राइवर का कॉलर पकड़ लिया था. इस घटना का खुलासा गंभीर के टीममेट रह चुके पूर्व बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने किया.
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तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम का अहम हिस्सा रह चुके गंभीर ने अपने करियर में घरेलू क्रिकेट में दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया था. जिसमें वीरेंद्र सहवाग और आकाश चोपड़ा जैसे खिलाड़ी भी थे. दिल्ली के लिए गंभीर के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने वाले चोपड़ा ने स्वीकार किया कि गंभीर उनके दोस्त नहीं थे और उन्होंने कहा कि वो हमेशा एक भावुक व्यक्ति थे, जो जल्दी ही अपना आपा खो सकते थे.
चोपड़ा ने राज शमानी पॉडकास्ट में कहा कि उनके और गंभीर के बीच कॉम्पिटीशन रहता था. उन्होंने कहा-
हम प्रतिस्पर्धी थे, एक स्थान के लिए लड़ रहे थे. हमारी टीम बहुत अच्छी थी. जब हम खेल रहे थे, तो कोहली या धवन में से किसी एक को लाइन-अप में मौका मिल सकता था. टीम ऐसी ही थी. यहां तक कि वीरू [वीरेंद्र सहवाग] के लिए भी बल्लेबाजी की शुरुआत करने के लिए कोई जगह नहीं थी. हम शुरू से ही प्रतिस्पर्धी थे. ईमानदारी से कहूं तो वो दोस्त नहीं थे, वो बहुत ही भावुक व्यक्ति थे, बहुत मेहनती थे और अपने काम को लेकर बहुत गंभीर थे. उन्होंने बहुत रन बनाए, लेकिन वो हमेशा अपनी दिल की बात खुलकर कहते थे. स्वभाव के मामले में बहुत जल्दी गुस्सा हो जाते थे.
गंभीर के गुस्से वाले स्वभाव के बारे में खुलकर बात करते हुए चोपड़ा ने खुलासा किया कि एक बार गंभीर ने उन्हें बताया था कि सड़क पर अपनी गाड़ी चलाते समय उनका एक ट्रक ड्राइवर से झगड़ा हो गया था. वो एक ट्रक पर चढ़ गए और ट्रक ड्राइवर का कॉलर पकड़ लिया. चोपड़ा ने कहा-
उनका हमेशा से ऐसा ही स्वभाव रहा है. आप कभी नहीं जानते कि वो कब अपना आपा खो देते हैं. वह हमें बताते थे कि उन्होंने एक ट्रक ड्राइवर से झगड़ा किया था. वो अपनी गाड़ी से उतरकर ट्रक पर चढ़ गए थे और ड्राइवर का कॉलर पकड़ लिया, क्योंकि ड्राइवर ने ओवरटेक किया था.
दिलचस्प बात ये है कि गंभीर ने साल 2004 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट के दौरान आकाश चोपड़ा को रिप्लेस करते हुए भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था. नागपुर में खेला गया उस सीरीज का तीसरा मैच चोपड़ा के लिए आखिरी इंटरनेशनल मैच भी साबित हुआ.
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