'इन दो क्रिकेटरों की ट्रेनिंग देख मैं चौंक गया था', आकाश दीप का बड़ा बयान, कहा- पहली बार जब आया तो...

आकाश दीप ने रोहित शर्मा और विराट कोहली को लेकर बड़ा बयान दिया है और कहा है कि दोनों आज भी ऐसी ट्रेनिंग करते हैं जैसे युवा हैं. उनकी ट्रेनिंग देख मैं काफी मोटिवेट होता हूं.

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आकाश दीप ने रोहित और विराट की तारीफ की है

आकाश दीप ने कहा कि दोनों आज भी युवा की तरह ट्रेनिंग करते हैं

भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण में शामिल हुए आकाश दीप ने घरेलू क्रिकेट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सहज बदलाव का श्रेय बुधवार को कप्तान रोहित शर्मा को देते हुए कहा कि टीम के महान खिलाड़ियों का काम करने का असाधारण तरीका उन्हें और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है. आकाश दीप (27 वर्ष) ने इस साल की शुरुआत में रांची में इंग्लैंड के खिलाफ़ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और तीन विकेट लेकर अपनी छाप छोड़ी.

सबकुछ हासिल करने के बाद भी इतनी ट्रेनिंग करते हैं रोहित- विराट

बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट से पहले आकाश ने कहा, ‘‘जब मैं यहां आया तो मैंने खेल के महान खिलाड़ियों और क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले रोहित, विराट (कोहली) भाई जैसे क्रिकेटरों के समर्पण और कड़ी मेहनत का एक अलग ही स्तर देखा. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने महसूस किया कि उन्होंने बहुत कुछ हासिल कर लिया है और अब भी ट्रेनिंग के दौरान कड़ी मेहनत कर रहे हैं. उनके सोचने की प्रक्रिया एक अलग स्तर पर है और यह मुझे और भी कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है. ’’

आकाश ने अपनी निजी जिंदगी में बहुत कुछ झेला है. उन्होंने दो महीने के अंदर अपने पिता और भाई को खो दिया था. शायद उन मुश्किल परिस्थितियों ने उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बना दिया और यही गुण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दबाव को झेलने के लिए अहम होता है. उन्होंने कहा कि भारतीय टीम में जब वह आये तो कप्तान रोहित शर्मा के काम करने के आसान तरीके से उनके लिए चीजें आसान कर दी.

आकाश ने कहा, ‘‘मुझे शुरू में हिचकिचाहट होती थी कि दबाव होगा लेकिन रोहित भैया ने चीजें इतनी सरल कर दीं. मैं इतनी मदद करने वाले कप्तान की अगुआई में नहीं खेला था. वह चीजें सरल रखते हैं, मुझे कभी नहीं लगा कि मैं घरेलू क्रिकेट खेल रहा हूं या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट. ’’ आकाश ने कहा कि वह आगे की चुनौतियों के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, ‘‘घरेलू प्रारूप ही इतना अच्छा है कि जब तक आप इस चरण तक पहुंचते हो, आप पहले ही जान जाते हो कि क्या करना है. आप जानते हो कि आपसे क्या करने की उम्मीद की जाती है. इस तरह का कोई संदेह नहीं रहता. ’’

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