इशान किशन ने रणजी ट्रॉफी में ये क्या कर दिया? गौतम गंभीर के गुस्से से अब कैसे बचेंगे!

इशान किशन को पर्सनल वजहों से साउथ अफ्रीका दौरे बीच में छोड़कर आने के बाद से भारतीय टीम से बुलावा नहीं आया. उन्हें पहले घरेलू क्रिकेट में खेलने को कहा गया था लेकिन वे इससे दूर रहे.

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Ishan Kishan in frame

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इशान किशन दिसंबर 2023 के बाद से भारतीय टीम से बाहर हैं.

इशान किशन अभी रणजी ट्रॉफी में झारखंड के कप्तान हैं.

इशान किशन साल 2023 में साउथ अफ्रीका दौरे के बाद से भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे हैं. इससे पहले वे तीनों फॉर्मेट की टीम इंडिया का हिस्सा थे. लेकिन पर्सनल वजहों से साउथ अफ्रीका दौरे बीच में छोड़कर आने के बाद से इशान किशन को भारतीय टीम से बुलावा नहीं आया. अभी वे रणजी ट्रॉफी 2024 में खेल रहे हैं. यहां वे झारखंड टीम की कप्तानी संभाल रहे हैं. पहले राउंड के मुकाबले में यह विकेटकीपर बल्लेबाज कोई असर डालने में नाकाम रहा. असम के खिलाफ मुकाबले में वे दोनों पारियों में सस्ते में निपट गए. इससे उनका टीम इंडिया में वापसी का दावा कमजोर हुआ है. जिस तरह का खेल उन्होंने दिखाया है उससे टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर निराश और नाराज ही होंगे. 

इशान किशन असम के खिलाफ मैच में पहली पारी में लॉअर मिडिल ऑर्डर में खेलने उतरे थे. वे छठे नंबर पर आए और 21 रन बनाकर आउट हो गए. उनसे पहले के तीन बल्लेबाजों ने अर्धशतक लगाए थे. इस लिहाज से टीम को कप्तान से उम्मीद थी कि वे बड़ी पारी खेलेंगे. लेकिन वे 32 गेंद में तीन चौकों से सजी पारी खेलकर आउट हो गए. झारखंड ने पहली पारी में 361 रन का स्कोर बनाया. इसके जवाब में असम की पहली पारी 180 रन पर सिमट गई और उसे फॉलोऑन झेलना पड़ा. दूसरी पारी में इस टीम ने अच्छा खेल दिखाया और 355 रन बनाते हुए झारखंड को जीत के लिए 175 रन का लक्ष्य दिया. 

इशान ने दूसरी पारी में की ओपनिंग

 

मुकाबले के आखिरी दिन झारखंड ने जीत के लिए पूरा जोर लगाया. इसके लिए इशान किशन ओपनिंग में उतरे. उन्होंने टी20 स्टाइल में खेलने की कोशिश की लेकिन 12 गेंद में एक चौके व छक्के से 16 रन बनाने के बाद आउट हो गए. इस तरह दूसरी पारी में भी उनके नहीं रन आए. झारखंड ने दूसरी पारी में 10.1 ओवर बैटिंग की और तीन विकेट पर 74 रन बनाने के बाद मैच ड्रॉ हो गया. 

इशान इससे पहले ईरानी कप, दलीप ट्रॉफी में खेले थे. इस दौरान पांच पारियों में वे एक ही शतक लगा सके थे. बाकी चार पारियों में से दो में तो वे दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए. इन पारियों में 38 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा.

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