कर्नाटक ने पांचवीं बार विजय हजारे ट्रॉफी खिताब जीत लिया. उसने वडोदरा में खेले गए फाइनल में विदर्भ को 36 रन से हराकर कामयाबी हासिल की. रविचंद्रन स्मरण (101) के करियर के दूसरे शतक और विकेटकीपर कृष्णन श्रीजीत (78) व अभिनव मनोहर (79) के अर्धशतकों की मदद से छह विकेट पर 348 रन का स्कोर खड़ा किया. दर्शन नालकंडे व नचिकेत भुटे को दो-दो विकेट मिले. लक्ष्य का पीछा करते हुए विदर्भ की टीम 312 रन पर सिमट गई. उसकी तरफ से ओपनर ध्रुव शौरे (110) ने शतक लगाया तो निचले क्रम में हर्ष दुबे (63) ने तूफानी रन बनाए लेकिन बाकी बल्लेबाजों की नाकामी टीम को ले डूबी.
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फाइनल में इस सीजन के सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज करुण नायर का बल्ला नहीं चला. कर्नाटक की तरफ से वासुकी कौशिक, प्रसिद्ध कृष्णा और अभिलाष शेट्टी को तीन-तीन विकेट मिले. कर्नाटक पांचवीं बार विजय हजारे ट्रॉफी फाइनल में पहुंचा और पांचवीं बार खिताब जीत लिया. वहीं विदर्भ के पहली बार यह टूर्नामेंट जीतने का सपना बिखर गया. वह पहली बार ही फाइनल में पहुंचा था.
कर्नाटक की बैटिंग में छाए स्मरण
कर्नाटक ने पहले बैटिंग करते हुए 67 रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे. कप्तान मयंक अग्रवाल 32, देवदत्त पडिक्कल आठ और केवी अनीश 21 रन बनाने के बाद आउट हो गए. ऐसे में स्मरण और श्रीजीत आए. इन दोनों ने चौथे विकेट के लिए 160 रन की साझेदारी करते हुए टीम को बड़े स्कोर की राह पर डाल दिया. अच्छे रंग में दिख रहे श्रीजीत 74 गेंद में नौ चौकों व एक छक्के से 78 रन बनाकर आउट हो गए.
इसके बाद स्मरण ने मनोहर से हाथ मिलाया. इन दोनों ने तो कर्नाटक की रन बनाने की गति को तेज कर दिया. दोनों के बीच 106 रन की साझेदारी हुई. स्मरण ने इस दौरान लिस्ट ए करियर का दूसरा शतक पूरा किया. वहीं मनोहर ने फिनिशर की भूमिका पर खरा उतरते हुए 10 चौकों व चार छक्कों से 79 रन कूट दिए. स्मरण की पारी में 92 गेंद, सात चौके व तीन छक्के शामिल रहे. इससे कर्नाटक 348 तक पहुंच गया.
विदर्भ के कप्तान करुण नायर फाइनल में नहीं चले
लक्ष्य का पीछा करने उतरी विदर्भ की टीम पर बड़े लक्ष्य का दवाब था. लेकिन यश राठोड़ (22) और शोरे ने टीम को बढ़िया शुरुआत देने की कोशिश की. शेट्टी ने राठोड़ को आउट कर विदर्भ को पहला झटका दिया. इस मैच से पहले 752 की औसत से रन बनाने वाले नायर ने फिर से क्रीज पर कदम जमाए और 27 रन बनाए. लेकिन प्रसिद्ध की एक गेंद उनके स्टंप्स उड़ा गई. यश कदम 15, जितेश शर्मा 34 और शुभम दुबे आठ रन बना सके. इससे कर्नाटक का पलड़ा भारी रहा.
शौरे का शतक, दुबे की दिलेरी
दूसरी तरफ से शौरे ने लगातार तीसरा शतक बनाया. वह ऋतुराज गायकवाड़ के बाद दूसरे बल्लेबाज बने जिन्होंने नॉकआउट में लगातार तीन शतक बनाए. शोरे आठ चौकों व दो छक्कों से 110 रन की पारी खेलकर छठे विकेट के रूप में आउट हुए.
ऐसे में आठवें नंबर पर उतरे हर्ष दुबे ने तूफानी खेल दिखाया और विदर्भ को मुकाबले में बनाए रखा. हालांकि दूसरी तरफ से लगातार विकेट गिरते रहे. दुबे ने 30 गेंद में पांच छक्के व इतने ही चौके लगाते हुए 63 रन की पारी खेली. वे आखिरी बल्लेबाज के रूप में 49वें ओवर की दूसरी गेंद पर आउट हुए. इससे कर्नाटक जीत गया.
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