केएल राहुल का संजीव गोयनका पर निशाना! कप्तानी की चुनौतियों पर की खुलकर बात, बोले- लोगों को समझाना मुश्किल है कि...

केएल राहुल का कहना है कि जिन लोगों का स्पोर्ट्स बैकग्राउंड नहीं होता, उन लोगों को यह समझाना मुश्किल हो जाता है कि खेलों में जीत की कोई गारंटी नहीं होती.

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केएल राहुल ने 2022 से 2024 तक लखनऊ सुपर जायंट्स की कप्तानी की.

आईपीएल 2024 में एक हार के बाद संजीव गोयनका की उनसे बहस हो गई थी.

केएल राहुल आईपीएल में पांच टीमों के लिए खेल चुके हैं और उनमें से दो के कप्तान भी रहे हैं. आईपीएल के 2020 और 2021 सीजन में उन्होंने पंजाब किंग्स की कप्तानी की और फिर 2022 से 2024 तक उन्होंने लखनऊ सुपर जायंट्स की कप्तानी की. लीग के टॉप बल्लेबाजों में से एक होने के बावजूद राहुल बतौर कप्तान ज्यादा सफल नहीं हो पाए और आईपीएल 2024 में एक मैच के बाद लखनऊ के मालिक संजीव गोयनका ने उनकी सार्वजनिक रूप से आलोचना भी की.

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लखनऊ की हैदराबाद पर 10 विकेट से हार के बाद गोयनका की राहुल से बहस वाला वीडियो काफी वायरल भी हुआ था. उस घटना के बाद आईपीएल 2025 मेगा नीलामी से पहले राहुल को लखनऊ ने रिलीज कर दिय, जबकि वह आईपीएल 2024 में उनके सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे.

लोगों को समझाना मुश्किल

खेल के तीनों फॉर्मेट में भारत की कप्तानी कर चुके राहुल ने उस घटना के बारे में कभी सार्वजनिक रूप से बात नहीं की, लेकिन अब स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टर और कमेंटेटर जतिन सप्रू के साथ हाल में एक इंटरव्यू में उन्होंने आईपीएल में टीम की कप्तानी की चुनौतियों के बारे में खुलकर बात की है. उन्होंने गोयनका का नाम तो नहीं लिया, लेकिन टीम की हार के बारे में स्पष्टीकरण मांगने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से उनकी आलोचना की. राहुल के अनुसार खेलों में जीत की कोई गारंटी नहीं होती और जो लोग स्पोर्ट्स बैकग्राउंड से आते हैं, वे इसे समझते हैं, लेकिन जिनका स्पोर्ट्स बैकग्राउंड नहीं होता, उन लोगों को यह समझाना मुश्किल हो जाता है.

कप्तान की चुनौतियां

राहुल ने कहा कि आईपीएल में एक कप्तान के रूप में मुझे जो सबसे मुश्किल लगा, वह था आपको कितनी मीटिंग करनी पड़ती थीं, आपको कितने रिव्यू करने पड़ते थे और आपको मालिकाना लेवल पर कितनी बातें समझानी पड़ती थीं. ये सब वास्तव में एनर्जी को खत्म करने जैसा है. इसलिए मुझे आईपीएल के आख‍िर में एहसास हुआ कि मैं 10 महीने इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने के बाद की तुलना में मानसिक और शारीरिक रूप से अधिक थका हुआ हूं.

लगातार पूछे जाते हैं सवाल

उन्होंने आगे कहा कि बहुत सी बातें हैं. कोच, कप्तान, आपसे लगातार कई सवाल पूछे जाते हैं और एक समय के बाद ऐसा लगता है जैसे आपसे पूछा जा रहा है कि आपने यह बदलाव क्यों किया. जतिन प्लेइंग इलेवन में क्यों खेले? ऐसा क्यों है कि विरोधी टीम 200 रन बना पाई और हम 120 भी नहीं बना पाए? उनके गेंदबाजों को ज़्यादा स्पिन क्यों मिल रही है?

जीत की गारंटी नहीं

राहुल ने आगे कहा कि मेरा मतलब है, ये ऐसे सवाल हैं जो हमसे साल भर कभी नहीं पूछे जाते, है ना? क्योंकि जो कोच होते हैं उन्हें पता होता है कि क्या हो रहा है. आप सिर्फ़ कोच और चयनकर्ताओं के प्रति जवाबदेह होते हैं, जो सभी क्रिकेट खेल चुके हैं और क्रिकेट और खेल की बारीकियों को समझते हैं. आप चाहे कुछ भी करें और कितने भी बॉक्स टिक करें, खेल में ऐसा कुछ नहीं है जो जीत की गारंटी दे. इसलिए स्पोर्ट्स बैकग्राउंड से ना आने वाले लोगों को यह समझाना मुश्किल होता है.

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