पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने एमएस धोनी (Ms Dhoni) को लेकर कई अहम खुलासे किए हैं. उथप्पा ने ये भी बताया कि जब उन्होंने एमएस धोनी को पहली बार बल्लेबाजी करते हुए देखा था तब उन्हें कैसा लगा था. उथप्पा ने कहा कि, इंटरनेशनल क्रिकेट इतिहास में धोनी महान कप्तान हैं. और वो एकदम सुलझे हुए इंसान हैं. क्योंकि धोनी ने आईपीएल में उथ्प्पा को चेन्नई की तरफ से खेलने को लेकर पहले ही तस्वीर साफ कर दी थी. उथप्पा ने जियोसिनेमा से खास बातचीत की जिसमें उन्होंने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को लेकर कई अहम बातें की.
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उथप्पा ने कहा कि, वो बेहद सिंपल इंसान हैं और अभी तक वो ऐसे ही हैं. उनमें कोई बदलाव नहीं आया है. जब उनसे मैं पहली बार मिला था और आज भी जब मिलता हूं तो उनमें कोई बदलाव नहीं आया है. धोनी काफी ज्यादा खुले इंसान हैं. वो कभी भी सच बोलने से नहीं पीछे हटते चाहे वो बात आपको दुख क्यों न पहुंचाए.
जब उथप्पा से धोनी ने कहा सच
उथप्पा ने कहा कि, जब चेन्नई के लिए मुझे साइन किया गया था. तब धोनी मेरे पास आए और उन्होंने मुझे कहा कि, मुझे नहीं पता कि आपको इस सीजन में मौका मिलेगा या नहीं. लेकिन अगर तुम्हें मौका मिला तो मैं तुम्हें जानकारी दे दूंगा. मैं अब तक आईपीएल में 13 सीजन खेल चुका हूं लेकिन इसके बावजूद धोनी ने मेरे मुंह के सामने सबकुछ साफ कर दिया.
गेंदबाज की तोड़ दी थी अंगुली
उथप्पा ने कहा कि, धोनी ने श्रीधरन श्रीराम को चोटिल कर दिया था. श्रीराम धोनी को गेंदबाजी कर रहे थे और तभी धोनी क्रीज से बाहर निकले और उन्होंने इतनी तेज से गेंद मारा की श्रीराम की दो अंगुलियां टूट गईं. इसके बाद वो सीधे ड्रेसिंग रूम की तरफ दौड़ पड़े. उस दौरान हमने देखा कि धोनी कितने खतरनाक बल्लेबाज हैं. तभी मुझे पता चला कि, धोनी भारत के लिए खेलेंगे और वो एक बेहद स्पेशल बल्लेबाज हैं.
धोनी क्यों हैं इतने फिट
इसपर उथप्पा ने कहा कि, हम सभी खिलाड़ी एक साथ खाया करते थे. सुरेश रैना, इरफान पठान, आरपी सिंह, पीयूष चावला, मुनाफ पटेल और धोनी, सब एक साथ खा रहे थे. हमने दाल मखनी, बटर चिकन, जीरा आलू, गोभी और रोटी मंगवाया. इस दौरान सभी खिलाड़ी सबकुछ खा रहे थे. लेकिन दूसरी तरफ धोनी बटर चिकन में सिर्फ ग्रेवी के साथ रोटी खा रहे थे. लेकिन अगर वो चिकन खा रहे थे तो रोटी नहीं खा रहे थे. ऐसे में धोनी बेहद अजीब हैं.
उथप्पा ने धोनी की कप्तानी को लेकर कहा कि, वो बेहद तेज हैं. इसलिए वो इतने सफल कप्तान हैं. वो हर नतीजे की जिम्मेदारी लेते हैं. चाहे वो जीत हो या हार. अगर उनका कोई फैसला गलत होता है तो वो सो नहीं पाते, सोचने लगते हैं. एक अच्छे कप्तान को अगर आप 10 में से 5 अंक देंगें तो आपको धोनी को 8 या 9 अंक देने होंगे.
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