साउथ अफ्रीका ने चौंकाने वाला फैसला करते हुए जिम्बाब्वे के खिलाफ दूसरे टेस्ट में पहली पारी पांच विकेट पर 626 के साथ घोषित कर दी. लेकिन हैरानी की बात यहां नहीं थी. जब पारी घोषित हुई तब टीम के कप्तान वियान मुल्डर 367 रन बनाकर नाबाद थे. उनके बाद 400 का स्कोर बनाने का मौका था. वे केवल 33 रन दूर थे. तब मुल्डर ने पारी घोषित करने का फैसला किया. इससे उन्होंने न केवल ब्रायन लारा के 400 के वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ने के मौके को जाने दिया बल्कि अपने रनों की संख्या को आगे लाने जाने के अवसर को भी छोड़ दिया. केशव महाराज के चोटिल होने पर मुल्डर को कप्तानी का मौका मिला और उन्होंने 334 गेंद में 49 चौकों व चार छक्कों से 367 का स्कोर बनाया. यह टेस्ट क्रिकेट में पांचवां सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है.
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मुल्डर तीसरे नंबर पर बैटिंग के लिए उतरे थे और तब साउथ अफ्रीका का स्कोर एक विकेट पर 11 रन था. तब से वे डटे रहे और उन्होंने दूसरे टेस्ट में चार सेशन तक बैटिंग की. इस दौरान मुल्डर ने 297 गेंद में तिहरा शतक पूरा किया. उन्होंने वीरेंद्र सहवाग के बाद दूसरी सबसे तेज ट्रिपल सेंचुरी लगाई. भारतीय ओपनर ने 2008 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 278 गेंद में 300 रन ठोक दिए थे.
मुल्डर ने अमला और हनीफ को पछाड़ा
हाशिम अमला के बाद मुल्डर दूसरे ही साउथ अफ्रीकी हैं जिन्होंने टेस्ट में तिहरा शतक लगाया है. लेकिन अब वह इस टीम की ओर से सर्वोच्च स्कोरर हो गए. मुल्डर के नाम अब विदेशी धरती पर सबसे बड़े स्कोर का रिकॉर्ड हो गया. उन्होंने पाकिस्तान के हनीफ मोहम्मद के 337 रन के रिकॉर्ड को तोड़ा जिन्होंने 1958 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ ऐसा किया था. 367 रन की पारी के जरिए मुल्डर ने सनत जयसूर्या (340), लेन हटन (364) और गैरी सोबर्स (365) को पीछे छोड़ा. उनसे आगे लारा (400), मैथ्यू हेडन (380), लारा (375) और महेला जयवर्धने (374) रहे.
सर्वाधिक चौकों का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी छोड़ा
मुल्डर के पास 400 रन बनाने के साथ ही टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में सबसे ज्यादा चौके लगाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का मौका भी था. इंग्लैंड के जॉन एडरिच ने 1965 में न्यूजीलैंड के खिलाफ नाबाद 310 रन की पारी में 52 चौके लगाए थे. मुल्डर ने 49 चौके लगाए. वे अब दूसरे नंबर पर हैं.
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