ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 के फाइनल में साउथ अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बवुमा ने हैमस्ट्रिंग से जूझते हुए दूसरी पारी में बैटिंग की. उन्होंने इसी स्थिति में एडन मार्करम के साथ बल्लेबाजी करते हुए टीम को जीत की स्थिति में पहुंचा दिया. साउथ अफ्रीकी टीम मैनेजमेंट एक समय बवुमा को रिटायर हर्ट करने के बारे में सोच रहा था. लेकिन मार्करम के कहने पर यह कदम नहीं उठाया. उन्होंने दोनों की जोड़ी को जारी रखने का फैसला किया.
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बवुमा जब छह रन के स्कोर पर थे तब हैमस्ट्रिंग में खिंचाव हो गया. इसके बाद उन्होंने मैदान पर ही फिजियो से इलाज कराया. उन्हें दौड़ने में दिक्कत हो रही थी. लेकिन वे डटे रहे और उन्होंने अर्धशतक पूरा किया. साथ ही मार्करम के साथ उनकी साझेदारी 143 रन हो गई. इससे साउथ अफ्रीका अब जीत से केवल 69 रन ही दूर है. बवुमा की चोट को लेकर साउथ अफ्रीका के बैटिंग कोच एश्वेल प्रिंस ने बताया कि उनके पास रिटायर हर्ट का विकल्प था लेकिन दोनों ही बल्लेबाज इस बात पर अड़े हुए थे कि जैसा चल रहा है वैसा ही रहने दो.
क्यों साउथ अफ्रीका ने बवुमा को रिटायर नहीं किया?
प्रिंस ने तीसरे दिन के खेल के बाद बताया,
हमें बड़ा फैसला करना था कि क्या वह बल्लेबाजी जारी रखे और इससे उसके शॉट्स खेलने की क्षमता पर कैसे असर पड़ेगा, इससे एडन की लय बिगड़ सकती है. क्या दो रन एक ही हो रहे हैं या वे दो या तीन रन नहीं दौड़ सकते हैं. दोनों इस बात पर अडिग थे कि टेम्बा खेलना जारी रखेंगे. वह जारी रखना चाहता था. एडन इस बात पर अड़ा हुआ था कि यह पार्टनरशिप अहम है. निश्चित रूप से अगर (ट्रिस्टन) स्टब्स जाता तो भी हमारे पास टेम्बा का विकेट बचा रहता. लेकिन एक नई साझेदारी शुरू होती. उन्हें अच्छा लग रहा था और वे खेल जारी रखना चाहते थे. एडन को पूरी तरह से पता था कि उसे विकेटों के बीच अपनी दौड़ पर काबू करना होगा जिससे कि टेम्बा आराम से खेल सके.
बैटिंग कोच ने प्रोटीयाज टीम की एकजुटता को सराहा
एश्वेल ने साउथ अफ्रीकी कप्तान की तारीफ करते हुए कहा कि वह काफी मजबूत शख्स है. उन्होंने कहा, 'टेम्बा मजबूत है. टेम्बा की एडन काफी इज्जत करता है. सच कहूं तो मुझे लगता है कि इस टीम की सबसे बड़ी ताकत एकजुटता है. उन्हें पता है कि साउथ अफ्रीका के पास काफी जबरदस्त खिलाड़ी रहे हैं लेकिन उनके पास इस ड्रेसिंग रूम में कुछ खास है और इससे एक दूसरे को आगे ले जाने में मदद मिलती है. उसे (टेम्बा) को पूरे करियर के दौरान लड़ना पड़ा है और अब यह उसके करियर का निर्णायक पल बन सकता है.'
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