अपने खेलने के दिनों में भारत में काफी लोकप्रिय रहे पाकिस्तान हॉकी (Pakistan Hockey Team) के पूर्व स्टार फॉरवर्ड और मौजूदा कोच रेहान बट (Rehan Butt) का कहना है कि दुनिया में सबसे ज्यादा मजा उन्हें भारत में ही खेलने में आया है. उन्हें यहां हमेशा घर जैसा प्यार मिला है और अब समय आ गया है कि दोनों एशियाई दिग्गजों के बीच द्विपक्षीय हॉकी बहाल की जाए. तीन ओलिंपिक और दो विश्व कप समेत पाकिस्तान के लिए 274 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके रेहान चेन्नई में एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी के लिये आई पाकिस्तानी टीम के कोच हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच टूर्नामेंट का बहुचर्चित मुकाबला 9 अगस्त को होना है.
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रेहान ने भाषा को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मैंने सुना है कि भारत पाकिस्तान मैच के सारे टिकट बिक गए हैं. इस मैच का जबर्दस्त क्रेज है और मुझे लगता है कि भारत पाकिस्तान हॉकी की इस लोकप्रियता को भुनाने के लिये द्विपक्षीय हॉकी फिर शुरू होनी चाहिए. प्रायोजकों, प्रसारकों और खिलाड़ियों सभी को इससे फायदा होगा.’ जर्मनी में चैम्पियंस ट्रॉफी 2002 में आखिरी मिनटों में दो गोल करके पाकिस्तानी टीम को भारत पर चमत्कारिक जीत दिलाने वाले बट ने कहा, ‘मैंने दुनिया भर में हॉकी खेली है लेकिन जो मजा हिंदुस्तान में खेलने में आता था, वह और कहीं नहीं. ऐसा लगता था मानो हम पाकिस्तान में ही खेल रहे हैं. यहां हमें हमेशा बहुत प्यार मिला और अच्छे दोस्त भी बने.’
पाकिस्तान ACT के लिए भेजी युवा टीम
पाकिस्तान ने एसीटी में युवा टीम भेजी है जिसमें अधिकांश खिलाड़ी जूनियर एशिया कप टीम के हैं और मकसद एशियाई खेलों के लिए सही संयोजन तलाशना है. रेहान ने कहा,‘पिछले दो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाने के बाद हमने इस बार दीर्घकालिन रणनीति बनाई है. टीम में कप्तान उमर भुट्टा और राणा वाहिद ही अनुभवी खिलाड़ी हैं और करीब 70 प्रतिशत खिलाड़ी तो सीनियर स्तर पर भारत का सामना पहली बार ही करेंगे.’
आखिरी बार चेन्नई में 2007 एशिया कप में खेलने वाले इस स्टार फॉरवर्ड ने भारत के खिलाफ मैच के दबाव के बारे में कहा, ‘चूंकि हमारी टीम युवा है और भारत दुनिया की चौथे नंबर की टीम है तो खिलाड़ियों पर दबाव तो रहेगा ही. लेकिन भारत पर अपनी धरती पर खेलने का दबाव रहेगा. अगर हमारी टीम भारत के खिलाफ अच्छा खेलती है तो उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा.’
उन्होंने कहा कि एसीटी के जरिये पाकिस्तानी टीम चीन के हांगझू में अगले महीने से होने वाले एशियाई खेलों की अपनी तैयारी को पुख्ता करने उतरी है. उन्होंने कहा, ‘हमारे युवा खिलाड़ियों में काफी संभावना है और एसीटी में खेलकर उन्हें अच्छा अनुभव मिलेगा. हम एशियाई खेलों के जरिये ही ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करना चाहते हैं. इसके लिए पाकिस्तानी हॉकी का बुनियादी ढांचा भारत की तरह मजबूत बनाने पर काम कर रहे हैं. जूनियर खिलाड़ियों का सीनियर स्तर खेलने का माध्यम बनेगा यह टूर्नामेंट.’
भारत पेरिस ओलिंपिक में जीत सकता है मेडल
हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली भारतीय टीम की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में पेरिस ओलिंपिक में पदक जीतने का माद्दा है. एशियाई खेल 2010 की स्वर्ण पदक विजेता टीम के सदस्य रहे रेहान ने कहा, ‘भारत विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर है और अगर इसी तरह खेलती रही तो पेरिस ओलिंपिक में पदक की प्रबल दावेदार होगी. एसीटी में तो भारत को फाइनल तक पहुंचने में दिक्कत नहीं आनी चाहिए और हम भी 12 अगस्त के खिताबी मुकाबले में जगह बनाकर हॉकी प्रेमियों को भारत-पाकिस्तान फाइनल का तोहफा देना चाहेंगे.’
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