Olympic : हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वो अपने देश के लिए ओलिंपिक मेडल जीते. चाहे महिला एथलीट हो, या पुरुष एथलीट, सभी के लिए अब ओलिंपिक में अपना परचम लहराने के समान अवसर हैं. लेकिन, समानता की बातें करनी वाली दुनिया के मुंह पर तमाचा तब लगा, जब पहले आधुनिक ओलिंपिक खेलों में महिलाओं को जगह नहीं मिली. 776 BC से लेकर 392 AD तक खेले जाने प्राचीन ओलिंपिक गेम्स और फिर 1500 साल बाद 1896 से दोबारा शुरू होने वाले आधुनिक ओलिंपिक खेलों में भी महिलाओं को स्थान नहीं मिला. जिसके बाद महिलाओं को इस खेल से जोड़ने के लिए पहल की गई और 1900 पेरिस ओलिंपिक से महिला एथलीट ने इन गेम्स में भाग लेना शुरू किया. मगर पुरुषों की बराबरी करने में उन्हें 112 साल लगे और 2012 में पहली बार लंदन ओलिंपिक में महिलाओं ने सभी खेलों में हिस्सा लेकर इतिहास रच दिया. जिसे समानता के ओलिंपिक नाम से भी जाना जाता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि लंदन 2012 ओलिंपिक महिला एथलीटों के लिए क्यों ख़ास था.
ADVERTISEMENT
2012 का लंदन ओलंपिक बना ऐतिहासिक
महिलाओं ने पहली बार साल 1900 के पेरिस ओलिंपिक खेलों में भाग लिया. हालांकि, तब महिलाएं सिर्फ कुछ ही खेलों तक सीमित रही. 2012 के लंदन ओलिंपिक में पहली बार महिला एथलीट्स ने सभी खेलों में हिस्सेदारी दिखाई. दरअसल, इस ओलिंपिक के लिए बेसबॉल की जगह पहली बार महिलाओं की बॉक्सिंग को जगह दी गई थी. इसके साथ ही 206 देशों की राष्ट्रीय ओलिंपिक समितियों ने महिला एथलीट्स को भेजा.
4,655 महिलाओं ने लिया भाग
27 जुलाई से 12 अगस्त तक चले 2012 लंदन ओलिंपिक खेलों में कुल 10,518 एथलीट्स ने भाग लिया. इनमें 5863 पुरुषों के साथ 4,655 महिलाओं ने हिस्सेदारी दिखाई.
महिलाओं की प्रतियोगिता से हुआ आगाज
2012 के ऐतिहासिक लंदन ओलिंपिक खेलों की शुरुआत भी महिलाओं की प्रतियोगिता से हुई. 25 जुलाई को कार्डिफ के मिलेनियम स्टेडियम नें महिला फुटबॉल के ग्रुप स्टेज का पहला मैच खेला गया और खेलों का औपचारिक आगाज हुआ.
इन देशों ने पहली बार महिला एथलीट्स को भेजा
2012 के ओलंपिक खेलों में कई देशों ने पहली बार महिलाओं की हिस्सेदारी दर्ज कराई. इसमें सऊदी अरब, कतर और ब्रुनेई शामिल थे. ऐसा पहली बार हुआ कि खेलों के लिए सभी योग्य देशों ने हर ओलिंपिक खेल के लिए कम से एक महिला एथलीट्स को भेजा.
अमेरिका ने जीते सबसे ज्यादा मेडल
2012 ओलिंपिक खेलों में अमेरिका ने मेडल टैली में पहले स्थान पर कब्जा जमाया. उसने 104 मेडल जीते, जिसमें 46 गोल्ड मेडल भी शामिल रहे. दूसरे नबंर पर चीन रहा और उसने 38 गोल्ड सहित 91 मेडल अपने नाम किए. मेजबान ग्रेट ब्रिटेन 65 मेडल के साथ तीसरे स्थान पर रहा.
भारत ने रचा था इतिहास
2012 के ओलिंपिक खेलों में भारत ने 6 पदक जीतकर उस समय अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था. दो रजत और 4 कांस्य पदकों के साथ भारत ने 2008 के बींजिग ओलिंपिक में अपने बेस्ट प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया था. साइना नेहवाल ने बैडमिंटन में भारत को ओलिंपिक इतिहास का पहला व्यक्तिगत महिला कांस्य पदक भी इन्हीं खेलों में दिलाया था.
2012 ओलिंपिक गेम्स का शुभंकर
मैंडविल और वेनलॉक को 2012 के समर और पैरालंपिक्स खेलों के शुभंकर के तौर पर शामिल किया गया था. 19 मई 2010 को इसकी घोषणा हुई थी. वेनलॉक का नाम ब्रिटेन के टाउन श्रॉपशायर से लिया गया है. आधुनिक ओलिंपिक खेलों की प्रेरणा इसी टाउन से मिली थी, तो मैंडविल, बकिंघमशर का एक गांव है, जिसे पैरालिंपिक खेलों का बर्थ प्लेस कहा जाता है.
ये भी पढ़ें :-
ADVERTISEMENT