भारतीय पहलवानों ने ओलिंपिक में अब तक दो सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज सहित कुल सात मेडल जीते हैं, जिसमें से छह मेडल पुरुष पहलवान ने जीते. हॉकी के बाद रेसलिंग ही ऐसा खेल है, जिसमें भारत ने सबसे ज्यादा ओलिंपिक मेडल जीते. वहीं रेसलिंग ही वो खेल है, जहां भारतीय पुरुष खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा ओलिंपिक मेडल जीते, मगर भारतीय कुश्ती के लिए इससे ज्यादा बुरी खबर और क्या होगी कि पेरिस ओलिंपिक में मैंस रेसलिंग में सिर्फ एक पहलवान ही चुनौती पेश करेगा.
ADVERTISEMENT
2000 सिडनी ओलिंपिक के बाद ये पहली बार है, जब ओलिंपिक में सिर्फ एक ही पुरुष पहलवान देश का प्रतिनिधित्व करेगा. दरअसल बाकी के पहलवान ओलिंपिक का टिकट हासिल करने से चूक गए. हालांकि बुरी खबर के साथ अच्छी खबर ये है कि पेरिस ओलिंपिक में पांच महिला पहलवान चुनौती पेश करेंगी और ऐसा पहली बार होगा, जब पांच महिला पहलवान ओलिंपिक खेलेंगी.
अमन ने दिलाया इकलौता कोटा
ओलिंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया को सेलेक्शन ट्रायल में हराकर क्वालिफायर के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने वाले सुजीत कलकल और जयदीप ने विश्व ओलिंपिक क्वालीफायर में अपने-अपने मुकाबले गंवा दिए. दोनों को कड़ी चुनौती देने के बाद हार का सामना करना पड़ा, जिससे मैंस रेसलिंग में भारत के पास सिर्फ एक ही ओलिंपिक कोटा है, जो 57 किग्रा में अमन सहरावत ने हासिल किया.
सुजीत और जयदीप को मिली हार
सुजीत ने 65 किग्रा वेट कैटेगरी के ब्रॉन्ज मेडल के महत्वपूर्ण मुकाबले में अमेरिका के जेन एलेन रदरफोर्ड को चुनौती दी, लेकिन काउंटर अटैक पर टेकडाउन के कारण योग्यता अधार पर 2-2 से हार गए. सुजीत ने जवाबी हमला करते हुए पहला अंक जुटाया. वो टेकडाउन पर अंक गंवाने ही वाले थे लेकिन जवाबी हमला करते हुए अमेरिकी पहलवान को आश्चर्यचकित कर दिया. एक और टेकडाउन की तलाश में रदरफोर्ड के पीछे गए लेकिन अमेरिकी पहलवान ने टेकडाउन से अंक जुटाया. सुजीत की हार का मतलब यह भी है कि डोप टेस्ट के लिए नमूना देने से इनकार करने के कारण सस्पेंड किए गए बजरंग पूनिया की ओलिंपिक में हिस्सा लेने की रही सही उम्मीद भी टूट गई.
वहीं जयदीप ने अर्सलान अमानमिरादोव के खिलाफ 74 किग्रा रेपेचेज मुकाबले में जीत हासिल की, लेकिन वह स्थानीय दावेदार सोनेर डेमिरतास के खिलाफ कुछ खास नहीं कर सके और ब्रॉन्ज मेडल मुकाबला 1-2 से हार गए.
पेरिस ओलिंपिक का कोटा हासिल करने वाले पहलवान
विमेंस कैटेगरी - विनेश फोगाट (50 किग्रा), अंतिम पंघाल (53 किग्रा), अंशु मलिक (57 किग्रा), निशा दहिया (68 किग्रा) और रीतिका हुड्डा (76 किग्रा)
मैंस कैटेगरी- अमन सहरावत (57 किग्रा)
ये भी पढ़ें :-
ADVERTISEMENT