कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित तमाम पहलवान धरना प्रदर्शन कर थे. लेकिन अब ओलिंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट तीनों ने धरना समाप्त कर रेलवे की नौकरी वापस ज्वाइन करने का फैसला किया है. हालांकि तीनों पहलवानों ने आंदोलन समाप्त करने से इनकार कर दिया है और कहा कि रेलवे की नौकरी जैसी जिम्मेदारी के साथ सत्याग्रह में भी बने रहेंगे.
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इससे पहले खबर ये थी कि साक्षी मलिक अब आंदोलन से पीछे हट गई हैं. लेकिन उन्होंने इन खबरों को गलत करार कहते हुए कहा कि इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी. हम सभी में से कोई ना तो पीछे हटा है और ना ही हटेगा. वहीं साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने भी पीछे हटने की बात को गलत बताया था.
23 अप्रैल से धरने पर बैठे थे पहलवान
दरअसल, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक के नेतृत्व में तमाम पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया था. 23 अप्रैल से धरना देने वाले पहलवानों ने ब्रजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस में एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है. इसमें एक नाबालिग पहलवान भी शामिल है.
गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद नाम लिया वापस
जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करने वाले पहलवानों को हाल ही में कानून का उल्लंघन करने के चलते धरना स्थल से हटा दिया गया था. पुलिस का कहना था कि पहलवान नई संसद की तरफ मार्च करना चाहते थे. जिसके लिए उन्होंने बैरिकेड भी तोड़ दिए थे. इसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था. जिसके बाद पहलवान अपना मेडल गंगा में प्रवाहित करने के लिए हरिद्वार गए थे लेकिन तभी किसान नेताओं के कहने पर सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया था. इस पर ही पहलवानों की मुलाकात रविवार चार जून को गृह मंत्री अमित शाह से हुई. जिसके बाद सभी पहलवान धरना समाप्त करके नौकरी पर वापस लौट गए हैं.
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