भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलिंपिक 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली. हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली टीम ने अपने पूल में दूसरे नंबर पर रहते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई. यहां पर ब्रिटेन को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से मात दी. इस तरह लगातार दूसरे ओलिंपिक में अंतिम-4 में जगह बनाई. भारत ने इससे पहले पूल मैच में ऑस्ट्रेलिया को मात दी थी जो 52 साल में ओलिंपिक में उसकी पहली जीत रही. हॉकी में भारत के इस शानदार खेल के पीछे खिलाड़ियों की मेहनत, कोच क्रेग फुल्टन की रणनीति के साथ ही मेंटल स्ट्रेंथ कोच पैडी अपटन का भी अहम रोल रहा. उनकी देखरेख में भारतीय खिलाड़ी ओलिंपिक से पहले स्विट्जरलैंड में तीन दिन बिताकर आए थे. यहां उन्होंने एडवेंचरर माइक हॉर्न के ट्रेनिंग कैंप में रहे थे.
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2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप जिताने में एमएस धोनी की भारतीय टीम की मदद करने वाले अपटन ने इस बारे में बताया कि स्विट्जरलैंड में कैंप के दौरान हॉकी खिलाड़ी अपने कंफर्ट जोन से बाहर आए. उन्होंने यहां डर से लड़ना सीखा. अपटन ने कहा कि हॉकी ही नहीं क्रिकेट में भी भारतीय खिलाड़ी अपने विरोधियों की जरूरत से ज्यादा इज्जत करते थे. ऐसे में वे कई बार अहम मौकों पर भावुक हो जाते हैं. अब वे इस जोन से बाहर आए हैं. अपटन के अनुसार, हॉर्न के ट्रेनिंग कैंप में भारतीय खिलाड़ियों ने ऐसे काम किए जिनमें अगर गलती तो भारी अंजाम भुगतने पड़ते. उनके सामने हॉकी मैच हारना तो कुछ भी नहीं.
अपटन ने दी इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा,
स्विट्जरलैंड जाने का पूरा विचार ही यही था कि खिलाड़ियों को ऐसी स्थिति में रखा जाए जहां वे पहले कभी नहीं गए. जहां पर खून उबाल मारे और दिमाग चकरी हो जाए. साथ ही वास्तविक डर लगे. हमने पहाड़ों और खड़ी चट्टानों पर ऐसे काम किए जो पहले कभी नहीं हुए थे. इनकी वजह से व्यग्रता और एड्रेनलन बढ़ जाता है. कुछ ऐसे मौके आए थे जहां पर खिलाड़ियों को डरा देने वाले काम करने के लिए मदद की जरूरत पड़ी. हमारे पास अच्छी सुरक्षा थी लेकिन अगर आप गलती कर देंगे तो संभावना थी कि हॉकी मैच हारने से ज्यादा बुरे नतीजे झेलने पड़े.
अपटन बोले- भारतीय विरोधियों को हद से ज्यादा इज्जत देते हैं
अपटन ने कहा कि इस कवायद का मकसद यह था कि खिलाड़ियों को उनके आराम से बाहर निकाला जाए. उन्हें ऐसी स्थितियों का सामना कराया जाए जो उन्हें ओलिंपिक के दौरान देखने को मिल सकती है. इससे ओलिंपिक में गोल्ड मेडल मिलना तय नहीं होता है लेकिन उसे हासिल करने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. उन्होंने कहा,
भारतीय टीमें जो एक काम करती हैं, इसके लिए 10 साल पहले तक क्रिकेटर्स भी दोषी थे, वह यह है कि वे विरोधी को बहुत ज्यादा सम्मान देते हैं. अगर आप किसी विरोधी को इतनी इज्जत देंगे तो मानसिक रूप से पहले ही पिछड़ जाते हैं.
अपटन ने कहा कि हॉकी खिलाड़ी अब इस मानसिकता से बाहर निकल रहे हैं. इसके नतीजे दिख रहे हैं. भारत ओलिंपिक सेमीफाइनल में जर्मनी या अर्जेंटीना में से किसी एक का सामना करेगा.
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