भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलिंपिक्स 2024 में झंडा गाड़ दिया है. ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में भारत ने स्पेन को 2-1 से हराकर मेडल अपने नाम कर लिया है. भारत ने 52 साल बाद लगातार दो ब्रॉन्ज अपने नाम किए हैं. लेकिन इस बीच जिस एक खिलाड़ी का भारत को जीत दिलाने में सबसे अहम योगदान रहा वो टीम को गोलकीपर पीआर श्रीजेश थे. पीआर श्रीजेश ने 18 साल के अपने लंबे करियर को अलविदा कह दिया है. श्रीजेश ने पहले ही कह दिया था कि ये उनका आखिरी ओलिंपिक है और इसके बाद वो इस खेल से रिटायर हो जाएंगे. श्रीजेश ने स्पेन के खिलाफ भी टीम के लिए अहम मौके पर गोल बचाए जिससे भारत चैंपियन बन गया.
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श्रीजेश हुए भावुक, खिलाड़ियों ने किया सलाम
भारत ने जैसे ही स्पेन को हराया श्रीजेश खुशी के मारे उछल पड़े. श्रीजेश तुरंत जमीन पर गिर गए और हाथ जोड़ लिए. इस दौरान श्रीजेश ने धरती चूमी और इसके बाद तुरंत सभी खिलाड़ी उनपर लोट गए. मानो हर खिलाड़ी उनका शुक्रिया अदा कर रहा हो. जीत के बाद श्रीजेश गोलपोस्ट पर चढ़ गए जिसके बाद सभी खिलाड़ी और कोच उनके लिए ताली पीटने लगे. इसके बाद खिलाड़ियों ने उन्हें अपने कंधे पर बिठाकर पूरा स्टेडियम घुमाया. श्रीजेश ने भी इसके बाद पूरा स्टेडियम घूमकर सभी फैंस का धन्यवाद किया.
करियर की उपलब्धियां
श्रीजेश ने साल 2006 में साउथ एशियन गेम्स में डेब्यू किया था. वो साल 2011 से रेगुलर तौर पर टीम इंडिया के लिए खेल रहे हैं. श्रीजेश ने साल 2014 एशियन गेम्स में भी भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था. वहीं टोक्यो ओलिंपिक गेम्स में भी भारत की जीत में श्रीजेश ने अहम रोल निभाया था.
श्रीजेश के करियर में उपलब्धियों पर बात करें तो इस खिलाड़ी ने 2022 एशियन गेम्स में भी गोल्ड जीता था. वहीं 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में भी सिल्वर मेडल पर कब्जा किया था. इसके बाद 2023 एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान भी श्रीजेश ने अपने नाम गोल्ड पर कब्जा किया था. इसके अलावा श्रीजेश ने साल 2014 एशियन गेम्स और 2018 एशियाड में भी गोल्ड और ब्रॉन्ज पर कब्जा किया था.
रिटायरमेंट से पहले किया था स्पेशल पोस्ट
श्रीजेश ने आखिरी मैच से पहले अपने सोशल मीडिया हैंडर श्रीजेश ने भारतीय फैंस के नाम एक इमोशनल मैसेज लिखा था. उन्होंने कहा था कि, जैसे ही मैं अंतिम बार पोस्ट के बीच खड़ा हूं, मेरा दिल कृतज्ञता और गर्व से भर गया है. एक युवा लड़के से लेकर भारत के सम्मान की रक्षा करने वाले व्यक्ति तक की यह यात्रा असाधारण से कम नहीं है. आज, मैं भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेलूंगा. हर बचाव, हर गोता, भीड़ की हर दहाड़ हमेशा मेरी आत्मा में गूंजती रहेगी. मुझ पर विश्वास करने के लिए, मेरे साथ खड़े रहने के लिए, भारत का धन्यवाद. यह अंत नहीं है, बल्कि पोषित यादों की शुरुआत है. हमेशा सपनों का संरक्षक, जय हिंद.
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