Paris Olympic 2024, Neeraj Chopra : पेरिस ओलिंपिक 2024 की जैवलीन थ्रो स्पर्धा का फाइनल भारत और पाकिस्तान के बीच जंग की तरह हो गया था. पाकिस्तान के नदीम ने सबको चौंकाते हुए 92.97 मी दूर भाला फेंका और ओलिंपिक रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया. नीरज चोपड़ा को गोल्ड मेडल बचाने के लिए इस दूरी को पार करना था. नीरज ने अपने अगले प्रयासों में जान झोंक दी मगर नदीम की दूरी को पार नहीं कर सके. जिससे नीरज चोपड़ा गोल्ड मेडल नहीं बचा सके और उन्हें 89.45 मी की दूरी के साथ सिल्वर मेडल ही मिला. जबकि पाकिस्तान के अरशद नदीम ने गोल्ड मेडल हासिल करते हुए इतिहास रच दिया. नदीम अब पाकिस्तान को व्यक्तिगत स्पर्धा में ओलिंपिक का गोल्ड मेडल दिलाने वाले जहां पहले एथलीट बने, वहीं उन्होंने 32 साल बाद अपने देश को पहला मेडल दिलाया. नीरज चोपड़ा भी जैवलीन थ्रो में भारत को लगातार दो ओलिंपिक मेडल दिलाने वाले पहले एथलीट बन गए हैं और भारत के लिए दो ओलिंपिक मेडल जीतने वाले चौथे भारतीय बन गए. इससे पहले पीवी सिंधु, सुशील कुमार और मनु भाकर ही ये कारनामा कर चुके हैं.
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पाकिस्तान के नदीम और भारत के नीरज की शुरुआत रही खराब
फाइनल्स का पहला जैवलीन थ्रो चेक रिपब्लिक के याकूब वाडलेच ने फेंका और वह 80.15 मीटर दूर ही गया. इसके बाद नीरज को टक्कर देने की कड़ी में शामिल ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने 84.70 मीटर दूर जैवलीन फेंका. जबकि बड़े स्टेज पर दबाव में पाकिस्तान के अरशद नदीम का पहला थ्रो फाउल रहा और उनके साथ-साथ जुलियन वेबर भी फाउल कर बैठे. पहले थ्रो में नीरज चोपड़ा जैवलीन फेंकने के बाद अपना बैलेंस नहीं बना सके और रनवे में गिर गए, जिससे फाउल हो गया. हालंकि उनका जैवलीन 86 मीटर से अधिक दूर गया था. पहले प्रयास में सबसे अधिक 86.16 मीटर दूर का थ्रो त्रिनिदाद एंड टोबैगो के केशोर्न वाल्कोट ने फेंका.
पाकिस्तान के नदीम ने बनाया ओलिंपिक रिकॉर्ड
दूसरे प्रयास में एंडरसन पीटर्स ने दमखम दिखाया और नीरज के टोक्यो ओलिंपिक में 87.58 मीटर के थ्रो को पार करते हुए 87.87 मीटर दूर भाला फेंका. इसके बाद पाकिस्तान के अरशद नदीम आए और उन्होंने पूरी ताकत के साथ 31.76 डिग्री एंगल और 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 90 मीटर के मार्क को पार करते हुए 92.97 मीटर के थ्रो से साल 2008 में नॉर्वे के एंड्रियास के 90.57 मीटर के ओलिंपिक रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया. जबकि इसके बाद अंतिम थ्रो में फिर से नदीम ने 90 मीटर के मार्क को पार कर दिया था.
नीरज पार नहीं कर सके 90 मीटर का मार्क
नीरज के लिए गोल्ड मेडल की राह में नदीम का 92.97 मीटर का थ्रो सबसे बड़ा राह का रोड़ा बना चला था. नीरज ने दूसरे प्रयास में बेहतरीन थ्रो किया और 90 मीटर के करीब 89.45 मीटर दूर भाला फेंका. जो कि उनका सीजन बेस्ट था. इसके बाद नीरज का तीसरा थ्रो भी फाउल हो गया था. अब नीरज के गोल्ड मेडल की टक्कर पाकिस्तान के नदीम से ही रह गई थी. अगले प्रयासों में भी नीरज 90 मीटर के मार्क को पार नहीं कर सके और उन्हने सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. इस स्पर्धा का कांस्य पदक ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने 88.54 मीटर की दूरी के साथ हासिल किया.
भारत के गोल्डन बॉय कैसे बने नीरज चोपड़ा
26 साल के नीरज चोपड़ा की बात करें तो साल 2016 में सबसे पहले उन्होंने अंडर-20 में रिकॉर्ड बनाया और 86.48 मीटर दूर जैवलीन फेंका था. इसके बाद नीरज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. हरियाणा से आने वाले नीरज ने 2020 टोक्यो ओलिंपिक में 87.58 मीटर दूर जैवलीन थ्रो करके भारत को एथलेटिक्स का पहला गोल्ड मेडल दिलाया था. नीरज से पहले भारत को ओलिंपिक इतिहास में एथलेटिक्स में कभी गोल्ड नहीं मिला था. टोक्यो ओलिंपिक के बाद से ही नीरज चोपड़ा का नाम गोल्डन बॉय पड़ा. इसके बाद नीरज ने साल 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी 88.17 मीटर के थ्रो के साथ पहला स्थान प्राप्त किया था.
भारत
नीरज का पहला थ्रो - फाउल
नीरज का दूसरा थ्रो - 89.45 मी
नीरज का तीसरा थ्रो - फाउल
नीरज का चौथा थ्रो - फाउल
नीरज का पांचवां थ्रो - फाउल
नीरज का छठवां थ्रो - फाउल
पाकिस्तान
अरशद नदीम का पहला थ्रो - फाउल
अरशद नदीम का दूसरा थ्रो - 92.97 मी
अरशद नदीम का तीसरा थ्रो - 88.72 मी
अरशद नदीम का चौथा थ्रो - 79.40 मी
अरशद नदीम का पांचवां थ्रो - 84.87 मी
अरशद नदीम का छठा थ्रो - 91.79 मी
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