भारतीय निशानेबाज सरबजोत सिंह बराबर पॉइंट हासिल करने के बावजूद 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में नहीं पहुंच गए. जिससे वो और कोच समरेश जंग काफी निराश हैं. सरबजोत के फाइनल में जगह बनाने से चूकने के बाद कोच समरेश जंग ने बड़ा बयान दिया है. दरअसल सरबजोत क्वालिफिकेशन में 577 के कुल स्कोर के साथ नौवें स्थान पर रहे. आठवें स्थान के साथ फाइनल में जगह बनाने वाले जर्मनी के रॉबिन वाल्टर का स्कोर भी 577 था, लेकिन उन्होंने सरबजोत के 16 के मुकाबले 17 सटीक निशाने लगाए थे.
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कोच समरेश जंग ने इसके बाद सरबजोत की हिम्मत बढ़ाई. भारत के 21 निशानेबाजों में से 17 पहली बार ओलिंपिक में हिस्सा ले रहे हैं और अच्छी तैयारी के बावजूद दबाव महसूस कर रहे हैं. सरबजोत के पास अभी भी मेडल जीतने का मौका है. वो अब मिक्स्ड टीम इवेंट में चुनौती पेश करेंगे. मिक्स्ड टीम इवेंट में सरबजोत की वापसी की उम्मीद करने वाले कोच जंग ने दबाव को लेकर कहा-
केवल दो तरह के लोग हैं, जो दबाव महसूस नहीं करते हैं. एक मृत हैं और दूसरे मूर्ख हैं. वो ना तो मरे हैं और ना ही मूर्ख हैं.
पीछे मुड़कर देखने से भटका ध्यान
कोच ने यह भी कहा कि सरबजोत को खराब शुरुआत का खामियाजा भुगतना पड़ा. भारतीय निशानेबाज ने चौथी सीरीज में परफेक्ट 100 के साथ वापसी की, लेकिन फिर उनके प्रदर्शन में गिरावट आ गई. सरबजोत सिंह ने मेडल राउंड की रेस से बाहर होने के बाद कहा उनकी तकनीक में थोड़ी कमी रही और वो घर लौटकर उसमें सुधार करेंगे. उन्होंने कहा कि एक सीरीज में 10 में 10 करके 100 अंक हासिल करने के बाद बाद उन्होंने पीछे मुड़कर देख लिया. वहीं से उनका ध्यान भटक गया और चीजें खराब हो गईं.
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