बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के नेतृत्व में भारतीय पहलवान एक बार फिर से धरने पर हैं. दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवान 23 अप्रैल को दोबारा धरने पर बैठे. कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट विनेश फोगाट का कहना है कि उन्हें अभी तक खेल मंत्रालय या निगरानी समिति से कोई जवाब नहीं मिला है. इसके चलते न्याय की उम्मीद में उन्होंने फिर से धरने पर बैठने का फैसला किया है. साक्षी मलिक ने कहा कि दो दिन पहले कनॉट प्लेस पुलिस थाने में सात महिला पहलवानों की तरफ से सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत दी गई है मगर अभी तक पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है. शिकायत में एक नाबालिग पहलवान का नाम भी है और पोस्को का मामला बनता है.
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पहलवानों ने इस साल की शुरुआत में जंतर-मंतर पर धरना देते हुए कुश्ती महासंघ के मुखिया ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे. इनमें यौन उत्पीड़न का आरोप भी शामिल है. पहलवानों के धरने के बाद खेल मंत्रालय ने एमसी मैरी कॉम के नेतृत्व में एक निगरानी कमिटी का गठन किया था जिसे महासंघ का काम संभालने के साथ ही मामले की जांच करने को कहा गया था. अभी तक निगरानी कमिटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है.
विनेश ने जंतर मंतर पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'हमें अपनी पुरानी शिकायतों को लेकर मंत्रालय या निगरानी समिति ने कोई जवाब नहीं दिया. हमारे फोन भी नहीं उठाए जाते. तीन महीने से हम मेंटल टॉर्चर से गुजर रहे हैं. यह महिला पहलवानों के सम्मान का मामला है. जब तक हमें न्याय नहीं मिलेगा तब तक हम यहीं पर डटे रहेंगे.' इस दौरान विनेश भावुक हो गई. उन्होंने कहा कि देश की जनता के सामने न्याय के लिए आए हैं.
उनके साथ बैठी साक्षी की आंखों से भी आंसू बह निकले. उन्होंने कहा कि पुलिस मामले में देरी कर रही है और खिलाड़ी इंतजार कर रहे हैं कि निगरानी कमिटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए. उन्होंने कहा, 'हमने सबूत दिए लेकिन कोई जांच अभी तक नहीं हुई. हम लोगों से सुन रहे हैं कि हम खत्म हो चुके हैं इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं. हम खत्म नहीं हुए हैं. कम से कम सामने आइए और बताइए कि रिपोर्ट में क्या है. ढाई महीने हो गए इंतजार करते-करते. हमने सरकार पर भरोसा किया कि वह हमारा साथ देगी. हमें नहीं पता कि रिपोर्ट में क्या है. जहां भी हम जाते हैं लोग कहते हैं कि हम झूठे हैं. हम तो सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे हैं.'
बजरंग पूनिया ने कहा कि जब तक कि मामले में कार्रवाई नहीं होता हैं तब तक वे हटेंगे नहीं. उन्होंने कहा, 'जब फेडरेशन नेशनल टूर्नामेंट करा रही है, जब उनका ऑफिस खुला है तब खिलाड़ियों का क्या हो रहा है. खिलाड़ियों की नहीं सुनी जा रही.'
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