रैटाटुई एक एनिमिटेड मूवी है जो पेरिस शहर में चूहों कि दिक्कतों पर आधारित है. इस फिल्म में चूहों को पेरिस शहर को अपना घर बनाते दिखाया गया है. ऐसे में असलियत में भी पेरिस शहर में चूहों की काफी ज्यादा दिक्कत है. ऐसे में कुछ दिन के भीतर ही यहां पेरिस ओलिंपिक 2024 गेम्स का आयोजन होने वाला है. लेकिन अब चूहों ने अधिकारियों का सिरदर्द बढ़ा दिया है. अधिकारियों को ये चिंता सताने लगी है कि चूहों की वजह से शहर की तस्वीर खराब हो सकती है.
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शहर को साफ रखने में 7500 वर्कर्स का हाथ
अधिकारी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि चूहे किसी भी तरह बाहर न आएं. इसके लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. क्योंकि दुनिया के कई देश, अधिकारी, खिलाड़ी और ऑफिशियल्स इसमें हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं. ऐसे मे जहां जहां इवेंट होने वाले हैं उन एरिया को पहले ही जांच लिया गया है कि वहां चूहें हैं या नहीं. वहीं शहर के मेयर ने सभी वर्कर्स को ये साफ कर दिया है कि वो हर एरिया की अच्छे से सफाई करें और जहां से चूहें निकलते हैं उस एरिया को पूरी तरह सील कर दें.
बता दें कि गेम्स से पहले चूहों को कैद करने के लिए शहर में कई तरह के पिंजरे और केमिकल दवाईयों का छिड़काव किया गया. इसके अलावा एफिल टावर के नीचे बीच वॉलीबॉल होने वाला है. ऐसे में इस एरिया की भी खूब सफाई की गई है. बता दें कि कोई भी चूहों को पूरी तरह खत्म नहीं करना चाहता है क्योंकि ये वही चूहें हैं जो शहर के लिए सीवेज का काम आसान कर देते हैं.
बता दें कि पेरिस शहर में चूहों से निबटने के लिए जो टीम बनाई गई है उसका नाम स्मैश टीम है. इस कमिटी के जिम्मे ही पूरी सफाई का काम है. ओलिंपिक के दौरान शहर को साफ करने और चूहों को भगाने के लिए कुल 7500 वर्कर्स को रखा गया है. पिछले साल इन वर्कर्स की स्ट्राइक के चलते 10,000 टन कूड़ा इक्ट्ठा हो गया था. ऐसे में इस बार इन वर्कर्स को 1.7 लाख रुपए की सैलरी दी जा रही है.
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