'चुप रहो, अपना सिर नीचे करो और जैसा हम कहते है, वैसा करो', लवलीना बोरगोहेन का भारतीय बॉक्सिंग फेडरेशन के अधिकारी के खिलाफ गंभीर आरोप

लवलीना बोरगोहेन ने बताया कि जूम मीटिंग के दौरान उनका अपमान किया और उनकी उपलब्धियों को कमतर आंका. बैठक में साइ और टॉप्स के अधिकारी भी शामिल थे.

Profile

SportsTak

अपडेट:

SportsTak Hindi

लवलीना बोरगोहेन

Story Highlights:

लवलीना बोरगोहेन ने टोक्‍यो ओलिंपिक मे ब्रॉन्‍ज मेडल जीता था.

लवलीना ने अधिकारी पर अपमानजनक और लैंगिक भेदभावपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया.

टोक्यो ओलिंपिक की ब्रॉन्‍ज मेडलिस्‍ट मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने भारतीय बॉक्सिंग फेडरेशन के कार्यकारी निदेशक कर्नल अरुण मलिक के खिलाफ ‘अपमानजनक और लैंगिक भेदभावपूर्ण व्यवहार’ जैसे गंभीर आरोप लगाए है, जिसकी जांच की जा रही है और जल्द ही एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी. भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

टीम इंडिया के इंग्‍लैंड दौरे के तुरंत बाद BCCI ने शुरू की नए कोच की तलाश, बैटिंग-बॉलिंग समेत चार पोस्‍ट के लिए मांगे आवेदन

खेल मंत्री मनसुख मांडविया, साइ के महानिदेशक, टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना) विभाग, भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) और भारतीय मुक्केबाजी फेडरेशन (बीएफआई) को संबोधित एक औपचारिक शिकायत में लवलीना ने आरोप लगाया कि मलिक ने आठ जुलाई को एक जूम मीटिंग के दौरान उनका अपमान किया और उनकी उपलब्धियों को कमतर आंका. बैठक में साइ और टॉप्स के अधिकारी भी शामिल थे.

लवलीना ने इस दौरान अनुरोध किया कि उनके निजी कोच को नेशनल कैंप में आने की अनुमति दी जाए ,जो बीएफआई की नीति के खिलाफ है. निजी कोच भी ऑनलाइन बैठक में मौजूद थे. वह यह भी चाहती थीं कि कोच को उनके साथ यूरोप में ट्रेनिंग के लिए जाने की अनुमति भी दी जाए. लवलीना के अनुसार मलिक ने आक्रामक तरीके से जवाब दिया और उनसे अपमानजनक तरीके से बात की. इस मुक्केबाज ने कहा-

उन्होंने मुझे साफ तौर पर कहा कि चुप रहो, अपना सिर नीचे करो और जैसा हम कहते हैं वैसा करो. उनके शब्द ना केवल अपमानजनक थे बल्कि लैंगिक भेदभाव और सत्तावादी प्रभुत्व का एक खतरनाक लहजा भी थे. ऐसा कुछ किसी के भी साथ नहीं होना चाहिए, खासकर देश का सम्मान बढ़ाने वाली महिला के साथ.

लवलीना ने कहा- 

 

मुझे छोटा, अनसुना और शक्तिहीन महसूस कराया गया. यह सिर्फ एक व्यक्तिगत अपमान नहीं था. यह हर उस महिला खिलाड़ी पर हमला था, जो रिंग के अंदर और बाहर दोनों जगह ऊंचा उठने का सपना देखती है.

लवलीना ने ‘निष्पक्ष जांच’ और यदि ये कार्य स्वीकार्य आचरण के उल्लंघन में पाए जाते हैं तो आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की. हालांकि मलिक ने आरोपों को सिरे से खारिज किया और ‘बिना किसी आधार के’ बताया. मलिक ने कहा कि लवलीना के अनुरोधों पर विचार किया गया और उन्हें सम्मानपूर्वक अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि वे भारतीय मुक्केबाजी महासंघ की नीतियों के अनुरूप नहीं थे.

पैनल का गठन

शिकायत पर ध्यान देते हुए आईओए ने एक पैनल का गठन किया, जिसमें टॉप्स के सीईओ एनएस जोहल, आईओए के खिलाड़ी आयोग के उपाध्यक्ष शरत कमल और एक महिला अधिवक्ता शामिल हैं. बैठक के दौरान लवलीना और मलिक के बीच पूरी बातचीत रिकॉर्ड की गई और जांच पैनल के एक सदस्य ने कहा कि जल्द ही एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी. समिति को शिकायत मिलने के दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देनी थी, लेकिन अपने सदस्यों की कुछ पहले के कमिटमेंट के कारण बैठक नहीं बुला पाई है विश्व चैंपियन लवलीना ने कहा-

मैं अभी इस पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहती, क्योंकि इससे मेरे खेल पर असर पड़ेगा. जब तक समिति कोई फैसला नहीं ले लेती, मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती.

संजू सैमसन ने राजस्थान रॉयल्स से लगाई गुहार, छोड़ना चाहते हैं फ्रेंचाइज, सामने आई बड़ी जानकारी

    यह न्यूज़ भी देखें

    Share