ओलिंपियाड जीत आशाजनक शुरुआत, लेकिन भारत में महिला शतरंज को लंबा रास्ता तय करना है: विश्वनाथन आनंद

विश्वनाथन आनंद का कहना है कि देश में महिला शतरंज के लिए अब भी बहुत काम किया जाना बाकी है. चेस ओलिंपियाड में गोल्‍ड अधिक लड़कियों को खेलने के लिए प्रेरित करेगा

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विश्वनाथन आनंद का कहना है कि महिला शतरंज के लिए अब भी बहुत काम किया जाना बाकी

iswanathan Anand said India double triumph in Chess Olympiad was not much of a surprise

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चेस ओलिंपियाड में भारत ने जीते थे दो गोल्‍ड

विश्वनाथन आनंद का कहना है कि महिला शतरंज के लिए अब भी बहुत काम किया जाना बाकी

विश्वनाथन आनंद का कहना है कि देश में महिला शतरंज के लिए अब भी बहुत काम किया जाना बाकी है. चेस ओलिंपियाड में गोल्‍ड अधिक लड़कियों को खेलने के लिए प्रेरित करेगा. शतरंज ओलिंपियाड में भारत की ऐतिहासिक दोहरी खिताबी जीत से बेहद खुश पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने कहा कि यह आशाजनक शुरुआत है लेकिन देश में महिला शतरंज के लिए अब भी बहुत काम किया जाना बाकी है.  भारत ने रविवार को इतिहास रचा जब उसकी पुरुष और महिला दोनों टीमों ने शतरंज ओलंपियाड में पहली बार स्वर्ण पदक जीते.

हाल के दिनों में जहां पुरुषों के खेल की लोकप्रियता बढ़ी है और आर प्रज्ञाननंदा और डी गुकेश जैसी युवा भारतीय प्रतिभाएं विश्व मंच पर धूम मचा रही हैं तो वहीं इसके विपरीत महिलाओं के खेल को इस गति से मेल खाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है. शतरंज लीग के कार्यक्रम के इतर आनंद ने पीटीआई से कहा-  

यह एक बहुत अच्छी शुरुआत है. मुझे लगता है कि अब भी लंबा रास्ता तय करना है क्योंकि हमें लगातार प्रगति करते रहना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अधिक से अधिक लड़कियों को खेलने के लिए प्रेरित किया जाए और मुझे लगता है कि यह परिणाम अधिक लड़कियों को खेलने के लिए प्रेरित करेगा. यही उम्मीद है.  

वैश्विक मंच पर शानदार प्रदर्शन करने वाले कई युवा भारतीयों का मार्गदर्शन करने वाले 54 वर्षीय आनंद ने देश के खिलाड़ियों द्वारा इतिहास रचे जाने पर खुशी जताई. उन्होंने कहा- सबसे पहले तो यह बहुत गर्व की बात है कि ऐसा हुआ. ऐसा नहीं है कि परिणाम ने मुझे चौंका दिया, यह कुछ घंटों पहले से ही हो रहा था, इसलिए आप खुद को तैयार करते हैं. 

आनंद ने कहा-  

लेकिन आपको अचानक यह अहसास होने पर खुशी होती है कि आप दोहरे ओलिंपियाड चैंपियन हैं, मैं उन सभी को कई वर्षों से जानता हूं. मुझे व्यक्तिगत रूप से वहां रहना अच्छा लगा. मुझे दो बार राष्ट्रगान सुनने में मजा आया और मुझे पता था कि पूरी दुनिया ने भारत के प्रदर्शन पर ध्यान दिया है; 

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