भारत डेविस कप में स्वीडन पर इतिहास की पहली जीत दर्ज करने के इरादे से 14 सितंबर से शुरू हो रहे विश्व ग्रुप वन मुकाबले में उतरेगा. भारत ने डेविस कप के इतिहास में कभी स्वीडन को नहीं हराया. भारतीय टीम अपने सर्वश्रेष्ठ एकल और युगल खिलाड़ी सुमित नागल और युकी भांबरी के बिना यहां पहुंची है जो अलग अलग कारणों से बाहर हैं . इसके बावजूद भारत का पलड़ा भारी हो सकता है क्योंकि स्वीडन की टीम उतनी मजबूत नहीं है.
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घरेलू हालात और मध्यम रफ्तार के कोर्ट का फायदा स्वीडन को मिल सकता है, क्योंकि भारत को तेज रफ्तार कोर्ट अधिक रास आता है. पहले दिन रामकुमार रामनाथन पर नजरें होंगी. दूसरे एकल में निकी पूनाचा और एन श्रीराम बालाजी में से किसी को उतारा जा सकता है. पूर्व राष्ट्रीय चैम्पियन सिद्धार्थ विश्वकर्मा भी एक विकल्प हैं, लेकिन इस महत्वपूर्ण मुकाबले में उन्हें उतारे जाने की संभावना कम ही है, क्योंकि उनके पास अनुभव की कमी है.
सिंगल में उतर सकते हैं बालाजी
कप्तान रोहित राजपाल युगल विशेषज्ञ बालाजी को एकल में उतार सकते हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ ग्रासकोर्ट पर भी एकल मुकाबला खेला था . बालाजी ने उस मैच में अनुभवी अकील खान को हराया था. पूनाचा प्रतिभाशाली हैं, लेकिन अभ्यास के दौरान उनका टखना चोटिल हो गया था. अब ये देखना होगा कि वह कितने फिट हैं. उन्होंने इस साल पुणे में नागल को हराया था, लेकिन एकल में ज्यादा मैच खेले नहीं हैं.
स्वीडन के सर्वश्रेष्ठ एकल खिलाड़ी 238वीं रैंकिंग वाले एलियास येमेर हैं. रामकुमार ने एटीपी टूर पर उनके खिलाफ दोनों मैच जीते हैं. बालाजी को रविवार को युगल मुकाबला खेलना है, जिसमें रामकुमार या पूनाचा उनके जोड़ीदार होंगे; पहले दिन के खेल पर यह निर्भर करेगा कि उनके साथ कौन खेलता है.
राजपाल ने पीटीआई से कहा-
हमारे पास अच्छी सर्विस करने वाले खिलाड़ी हैं, लेकिन ये मध्यम रफ्तार वाले कोर्ट है, जिसके अनुकूल ढलने के लिये हम काफी अभ्यास कर रहे हैं. अगर युकी और सुमित होते तो हम आसानी से जीत जाते. अभी बराबरी का मामला है. पूनाचा अब बेहतर महसूस कर रहे हैं और फिजियो को यकीन है कि वह मैच तक पूरी तरह से फिट हो जायेंगे.
स्वीडन के पास लियो बोर्ग, आंद्रे गोरानसन (66वीं) और फिलीप बेरगेवी (125वीं) जैसे खिलाड़ी हैं.