क्रिकेट में कई बार देखा गया है कि खिलाड़ी मनमुताबिक फैसले नहीं आने पर अंपायर्स से भिड़ जाते हैं. वे कई बार गालियां देते भी दिखाई देते हैं. इसकी उन्हें सजा भुगतनी पड़ती है. अधिकांश मामलों में उन्हें आर्थिक नुकसान ही होता है और मैच फीस कटने की सजा ही मिलती है. लेकिन पाकिस्तान के दिग्गज खिलाड़ी रहे आकिब जावेद को अंपायर से टकराना इतना भारी पड़ा था कि उन्हें मैच रेफरी ने सस्पेंड कर दिया. उन्हें यह सजा ऑस्ट्रेलिया से आने वाले पीटर बर्ज ने दी थी. वे आईसीसी के शुरुआती मैच रेफरियों में गिने जाते हैं. खिलाड़ी के तौर पर भी उनका करियर अच्छाखासा रहा. लेकिन मैच रेफरी के तौर पर तो वे अलग ही लेवल पर चले गए.
बर्ज का जन्म आज ही के दिन यानी 17 मई 1932 को ब्रिस्बेन में हुआ था. इसके बाद 1955 से 1966 के बीच ऑस्ट्रेलिया के लिए 42 टेस्ट खेले. इनमें 38.16 की औसत से 2290 रन बनाए. उन्होंने चार शतक और 12 अर्धशतक लगाए थे. इसके अलावा 233 फर्स्ट क्लास मैचों में उन्होंने 47.53 की औसत से 14640 रन बनाए. यहां बर्ज ने 38 शतक और 68 फिफ्टी लगाई. खिलाड़ी के तौर पर क्रिकेट से दूर होने के बाद वे बतौर ऑफिशियल इस खेल से जुड़ गए. वे आईसीसी से जुड़ गए और शुरुआती मैच रेफरी में शामिल हुए. वे पहले रेफरी बने जिन्होंने किसी खिलाड़ी को सस्पेंड किया.
बर्ज ने आकिब जावेद को कैसे और क्यों किया सस्पेंड
इससे पहले आकिब को जून 1992 में इंग्लैंड के खिलाफ 50 फीसदी मैच फीस कटानी पड़ी थी. तब वे टेस्ट क्रिकेट में जुर्माने की सजा पाने वाले पहले खिलाड़ी बने थे.
आथर्टन को भी दी थी सजा
बर्ज ने 1994 में इंग्लैंड के माइक आथर्टन को भी सजा दी थी. इंग्लिश खिलाड़ी की जेब में मिट्टी थी. वे रेफरी को बता नहीं पाए कि उन्होंने ऐसा क्यों किया था. नतीजा रहा कि बर्ज ने उनकी आधी मैच फीस काटने की सजा सुनाई. आथर्टन ने गेंद को एक साइड से घिसने के लिए अपनी जेब में मिट्टी रखी थी.
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