पेरिस पहुंचते ही तीरंदाजी टीम को तगड़ा झटका, भारत लौटेंगे कोच, ओलिंपिक के आगाज से पहले लिया पद छोड़ने का फैसला
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भारतीय तीरंदाजी कोच को नहीं मिला एक्रीडिटेशन
अब भारत लौटने की कर रहे हैं तैयारी
ओलिंपिक के लिए पेरिस पहुंचते ही भारतीय तीरंदाजी टीम को तगड़ा झटका लगा है. भारत के कोरियाई तीरंदाजी कोच बाएक वूंग को पेरिस ओलिंपिक के लिए ‘एक्रीडिटेशन’ नहीं मिला है, जिस वजह से नाराज होकर उन्होंने पद छोड़ने का फैसला कर लिया. उनका कहना है कि वो 30 अगस्त को करार खत्म होने के बाद इस पद को जारी नहीं रहेंगे. साथ ही उन्होंने भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) के खराब प्रशासन की आलोचना की.
मार्सिले में भारतीय टीम की तैयारी की देखरेख के बाद पेरिस पहुंचे वूंग की ने कहा कि उन्हें अहम समय पर ओलिंपिक कोचिंग की भूमिका से हटा दिया गया और अब वो वापसी की टिकट बुक किये जाने के बाद भारत लौटेंगे. 61 साल के कोच ने कहा-
मैंने पेरिस ओलिंपिक के लिए भारतीय तीरंदाजों की तैयारी के लिए अनुबंध किया था, लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण समय पर मुझे ओलिंपिक कोचिंग की भूमिका से हटा दिया गया और अब मुझे घर लौटने की जानकारी मिली.
होटल में ठहरे हैं कोच
वो पेरिस के एक होटल में ठहरे हुए हैं और ओलिंपिक के लिए अपने ‘एक्रीडिटेशन’ का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा-
मेरा अनुबंध 30 अगस्त तक है. अब मैं सोनीपत पहुंचने के बाद कोरिया जाने की औपचारिकताओं के लिए तैयारी की योजना बना रहा हूं.
वूंग की ने स्पष्ट करते हुए कहा कि वो अपने अनुबंध को आगे नहीं बढ़ाएंगे. 2012 लंदन ओलिंपिक में तीरंदाजी के दिग्गज साउथ कोरिया को दो गोल्ड मेडल दिलाने वाले वूंग की ने सवाल उठाया कि अगर उन्हें भारतीय टीम में शामिल नहीं किया जाना था तो उनसे कोचिंग के लिए करार करने के पीछे क्या तर्क था. उनका कहना है कि आईओए के लचर और खराब प्रशासन की वजह से विदेशी कोचों को बाहर रखा गया है. उन्होंने कहा-
पता नहीं उन्होंने कोरियाई कोच नियुक्त करने के लिए पैसा क्यों लगाया था. इससे भी अहम है कि ओलिंपिक से कुछ दिन पहले ही ऐसा किया गया. मैं ओलिंपिक अभ्यास या प्रतियोगिता स्थलों के पास नहीं रह सकता.
भारत के छह तीरंदाज 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने वाले ओलिंपिक में हिस्सा लेंगे.
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