कानपुर टेस्ट खत्म होते ही इस दिग्गज का हो गया संन्यास! अब घर जाना मुश्किल, परदेस में बीतेगी जिंदगी!

शाकिब अल हसन बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से निशाने पर हैं. उनके खिलाफ एक हत्या का मामला भी दर्ज हुआ है.

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शाकिब अल हसन ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज के पहले मैच को आखिरी टेस्ट बताया था.

शाकिब अल हसन ने 2007 में टेस्ट डेब्यू किया था.

भारत और बांग्लादेश के बीच कानपुर में खेला जा रहा दूसरा टेस्ट टीम इंडिया की जीत के साथ खत्म हुआ. बारिश से प्रभावित मुकाबले में ढाई दिन तक एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी लेकिन रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम ने साहसी खेल दिखाते हुए इस मैच का नतीजा निकाल दिया. इसके साथ ही बांग्लादेश के धाकड़ क्रिकेटर शाकिब अल हसन का टेस्ट करियर भी खत्म हो गया. उन्होंने बांग्लादेश की धरती पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट को इस फॉर्मेट में अपना आखिरी मैच बताया था. उन्हें लेकिन अभी तक सुरक्षा का वादा नहीं मिला है. ऐसे में कानपुर टेस्ट शाकिब के करियर का आखिरी हो सकता है. 

शाकिब बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से निशाने पर हैं. उनके खिलाफ एक हत्या का मामला भी दर्ज हुआ है. वे शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग से जुड़े हुए हैं. इस पार्टी से वे सांसद भी बने थे. बांग्लादेश में इस पार्टी के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा हैं. ऐसे में शाकिब ने बांग्लादेश बोर्ड से वहां पर खेलने के लिए सुरक्षा मांगी थी. उन्होंने कानपुर टेस्ट से पहले पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि उन्हें घर पर खेलने में कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन जैसे हालात हैं उस हिसाब से सुरक्षा चाहिए होगी. उनकी वापसी में मुश्किल हो सकती है. शाकिब की मंशा है कि वे अब बांग्लादेश में नहीं रहेंगे. वे परिवार के साथ अमेरिका में जाकर रहेंगे. 

बांग्लादेश बोर्ड ने शाकिब को नहीं दी सुरक्षा गारंटी

 

शाकिब की सुरक्षा की मांग पर बांग्लादेश के स्पोर्ट्स एडवाइजर आसिफ महमूद ने कहा था कि शाकिब की दो पहचान हैं. वे क्रिकेटर और राजनेता दोनों हैं. शाकिब क्रिकेटर को पर्याप्त सुरक्षा दी जा सकती है लेकिन लोगों को उनकी राजनीतिक पहचान से समस्या है. अगर लोग उनसे गुस्सा हैं तो फिर सुरक्षा का कहना मुश्किल है.

शाकिब अल हसन का टेस्ट करियर कैसा रहा

 

शाकिब ने कानपुर टेस्ट में बैटिंग में नाकाम रहे. वे पहली पारी में नौ रन बना सके जबकि दूसरी में उनका खाता भी नहीं खुला. हालांकि पहली पारी में बॉलिंग में उन्होंने कमाल किया और चार विकेट चटकाए. दूसरी पारी में उन्हें विकेट नहीं मिला. उन्होंने करियर में 71 टेस्ट खेले और 37.77 की औसत से 4609 रन बनाए. वहीं बॉलिंग में 246 विकेट निकाले. वे बांग्लादेश के सबसे कामयाब क्रिकेटर्स में रहे हैं.
 

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