रविचंद्रन अश्विन गुरुवार 7 मार्च को धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में चल रहे भारत-इंग्लैंड सीरीज के पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में मैदान पर उतरते ही टेस्ट क्रिकेट के हॉल ऑफ फेम में शामिल हो जाएंगे. जो भारत के लिए उनका 100वां टेस्ट मैच होगा. अश्विन यह उपलब्धि हासिल करने वाले 14वें भारतीय और देश के 5वें गेंदबाज बनेंगे. खेल के इतिहास में, मुथैया मुरलीधरन, शेन वार्न, अनिल कुंबले, हरभजन सिंह और नाथन लायन के बाद अश्विन 100 टेस्ट मैचों तक पहुंचने वाले छठे स्पिनर होंगे.
ADVERTISEMENT
2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद अश्विन हो गए थे टीम से बाहर
भारत की 2011 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा बनने के कुछ ही महीनों बाद, अश्विन ने 2011 में अपना टेस्ट डेब्यू किया था. रेड-बॉल क्रिकेट में अपने करियर के पहले भाग में वह तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम का हिस्सा थे. लेकिन साल 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद उन्होंने व्हाइट बॉल फॉर्मेट में अपनी जगह खो दी. ऐसे में अब अश्विन की पत्नी प्रीति ने उस दौर के बारे में खुलकर बात की और खुलासा किया कि कैसे स्टार स्पिनर को टीम से निकाले जाने के बाद संघर्ष करना पड़ा. उन्होंने दावा किया कि चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन की ओर से कभी ये साफ नहीं किया गया कि उन्हें आराम दिया जा रहा है या फिर ड्रॉप किया जा रहा है. प्रीति ने कहा कि अश्विन को इस चीज का सामना करने के लिए काउंसलिंग की सहायता लेनी पड़ी थी.
कभी नहीं सोचा था कि टीम में वापसी कर पाएंगे
अश्विन की पत्नी ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखा है कि, "उनके करियर में बड़ा मोड़ 2017 था. उस साल मार्च में, उन्होंने मुझसे कहा 'मैं इस लेग-स्पिन पर काम कर रहा हूं. अगर यह सफल नहीं हुआ, तो मैं बाहर हो जाऊंगा.' उन्होंने जो कहा उस पर बहुत विचार किया गया क्योंकि कुछ दिन पहले ही उन्हें आईसीसी प्लेयर ऑफ द ईयर और आईसीसी बॉलर ऑफ द ईयर चुना गया था. और 2016/17 के घरेलू सीजन में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था. लेकिन साल के बीच में उन्हें व्हाइट बॉल क्रिकेट से बाहर कर दिया गया. प्रीति ने आगे कहा कि "वह ऐसे व्यक्ति हैं जो अक्सर सफाई मांगते हैं. वो जब टीम में नहीं थे तब उनके लिए वो समय काफी मुश्किल था. वह नहीं जानते थे कि उन्हें बाहर किया गया था या आराम दिया गया था. अगर कोई अश्विन से कहता कि, 'यहां आओ, तुम अच्छा नहीं कर रहे हो तो वह बाहर जाते और इसपर मेहनत करते. लेकिन जब उन्हें बताया गया कि वो टीम के भीतर नहीं हैं तो उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. उस दौरान मेरे दो छोटे बच्चे थे. ऐसे में मेरे लिए ये भी काफी मुश्किल था.
प्रीति ने आगे कहा कि "यह एक ऐसा समय था जब उन्होंने बाहर से मदद ली. वह एक कठिन दौर था और यह कुछ ऐसा था जिसमें हममें से कोई भी उनकी मदद नहीं कर सका. उन्हें यह मानने में एक साल लग गया कि वो टीम से बाहर हैं. इसके बाद वो बदल गए और एक अलग इंसान बन गए. उन्होंने इस दौरान एक बार भी वापसी का नहीं सोचा था.
बता दें कि अश्विन ने इसके बाद भारत के लिए एक भी व्हाइट बॉल फॉर्मेट वाला मैच नहीं खेला. टी20 वर्ल्ड कप 2021 में उन्हें मौका मिला. वहीं 2022 टी20 वर्ल्ड कप टीम में भी उन्हें चुना गया था. 2017 चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के बाद अश्विन ने अब तक सिर्फ दो वनडे खेले हैं. अक्षर पटेल को चोट लगने के बाद 2023 वनडे वर्ल्ड कप में उन्हें चुना गया था. जहां तक टेस्ट क्रिकेट का सवाल है, अश्विन 507 विकेट के साथ टेस्ट क्रिकेट इतिहास में भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं.
ये भी पढ़ें: