श्रीलंका के पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज लगातार चर्चा में हैं. शाकिब अल हसन के जरिए टाइम्ड आउट होने के बाद मैथ्यूज बिना एक भी गेंद खेले पवेलियन लौट गए. मैच के बाद दोनों ने ही अपनी अपनी राय रखी जिसमें मैथ्यूज ने कहा कि, वो समय से पहले क्रीज पर थे और टाइम्ड आउट नहीं हुए थे. ऐसे में फोर्थ अंपायर ने गलती की है और मैथ्यूज के पास वीडियो सबूत है जिसमें साफ पता चल रहा है कि उनके पास अभी और समय था लेकिन उससे पहले ही उन्हें पवेलियन भेज दिया गया. मैथ्यूज ने कहा कि, उनके पास 5 सेकेंड्स और बचे थे.
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मैथ्यूज ने एक्स पर लिखा कि, फोर्थ अंपायर गलत है. वीडियो सबूत में साफ दिख रहा है कि मेरे पास 5 सेकेंड्स और थे. क्या फोर्थ अंपायर इसे ठीक कर सकता है? मतलब मेरे लिए सुरक्षा पहले है और मैं किसी भी गेंदबाज का बिना हेलमेट के सामना नहीं कर सकता था. बता दें कि मैथ्यूज ने सबूत में अंतर दिखाया और कहा कि, जिस समय सदीरा का कैच लिया गया और जिस समय उनके हेलमेट का स्ट्रैप टूटा उसमें दो से भी कम मिनट का समय था.
वहीं फोर्थ अंपायर एड्रियन होल्डस्टॉक ने अलग बात रखी है. उनहोंने कहा कि, मैथ्यूज की जब हेलमेट की दिक्कत आई तब दो मिनट पहले ही खत्म हो चुके थे. एक बल्लेबाज के रूप में आपको ये देखना होता है कि आपके हर एक्विपमेंट सही जगह पर हो और तभी आपको क्रीज पर आना होता है. क्योंकि आपको दो मिटन के भीतर नई गेंद का सामना करना होता है.
टाइम्ड आउट पर क्या बोले मैथ्यूज
श्रीलंका की पारी के 25वें ओवर में शाकिब ने सादीरा समरविक्रमा को आउट कर दिया. इसके बाद एंजेलो मैथ्यूज मैदान पर आए. वे बैटिंग के लिए तैयार हो रहे थे, तभी उनके हेलमेट का स्ट्रैप टूट गया. उन्होंने दूसरा हेलमेट मंगाया. ड्रेसिंग रूम से नया हेलमेट आया तब तक 2 मिनट का समय निकल चुका था. ऐसे में बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने अंपायर से मैथ्यूज को आउट देने की अपील की. यहां मैथ्यूज को आउट करार दे दिया गया. मैथ्यूज ने इसके बाद अंपायरों से काफी बहस की लेकिन अंत में उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा.
पोस्ट मैच के बाद मैथ्यूज से पूछा गया कि, आपने बांग्लादेशी खिलाड़ियों के व्यवहार के बारे में बात की जो बिल्कुल गलत था. लेकिन आपके खिलाड़ियों के व्यवहार के बारे में क्या जिन्होंने विरोधी टीम के खिलाड़ियों संग हाथ मिलाने से मना कर दिया. मैथ्यूज ने एक दूसरे को इज्जत देने की बात को लेकर कहा कि, ये बेहद जरूरी होता है कि आप उसे ही इज्जत दें जो आपकी इज्जत करता हो. मैथ्यूज ने कहा कि, आपको उन लोगों की इज्जत करनी चाहिए जो आपकी करती हैं. इसका मतलब ये भी है कि, उन्हें गेम की भी इज्जत करनी होगी. हम सभी क्रिकेट के एम्बेसडर हैं जिसमें अंपायर भी शामिल हैं. ऐसे में अगर आप अपना कॉमन सेंस इस्तेमाल नहीं कर सकते तो फिर कोई फायदा नहीं.
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