पूर्व क्रिकेटर और कोच वेंकटेश प्रसाद (Venkatesh Prasad) ने वनडे और टी20 फॉर्मेट भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) की वर्तमान हालत को लेकर जोरदार हमला बोला है. उनका कहना है कि भारतीय क्रिकेट के पास खूब पैसा और पावर है लेकिन टीम के फैंस मामूली खेल का जश्न मना रहे हैं. वेंकटेश प्रसाद ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का उदाहरण देते हुए कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम न तो इनकी तरह रोमांचक खेल दिखा रही है और न ही दबदबा कायम कर पा रही है. हालिया समय में लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में टीम इंडिया को बड़े टूर्नामेंट्स में लगातार नाकामी मिली है. 2013 के बाद से उसे कोई आईसीसी टूर्नामेंट जीतने में कामयाबी नहीं मिली है. साथ ही पिछले दो टी20 वर्ल्ड कप में उसे 10-10 विकेट से शिकस्त मिली है. कुछ महीनों बाद घर में होने वाले 50 ओवर के वर्ल्ड कप को लेकर भी टीम की तैयारियां बिखरी हुई लग रही है.
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2007 टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया के बॉलिंग कोच रहे वेंकटेश ने सोशल मीडिया के जरिए अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने लिखा, 'टेस्ट क्रिकेट को छोड़ दिया जाए तो भारत काफी समय से बाकी के दो फॉर्मेट में साधारण खेल दिखा रहा है. बांग्लादेश, साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया से वनडे सीरीज गंवाई. पिछले दो वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन रहा. न तो हम इंग्लैंड की तरह उत्साहित करने वाला क्रिकेट खेल रहे हैं और न ही पहले की ऑस्ट्रेलियाई टीम की तरह निर्दयी हैं.'
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की क्या रही खासियत
इंग्लैंड क्रिकेट ने 2015 वर्ल्ड कप की निराशा के बाद से अपने खेलने का तरीका पूरी तरह से बदल दिया. अब उसका जोर आक्रामक खेल पर रहता है. इसका नतीजा रहा कि उसने 2019 में घर में 50 ओवर का वर्ल्ड कप जीता. फिर 2022 में टी20 वर्ल्ड कप भी अपने नाम किया. वहीं 21वीं सदी के आगाज के समय ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट में तूती बोलती थी. उसने लगातार तीन वर्ल्ड कप जीते थे. उसके खेलने का तरीका 70 और 80 के दशक की वेस्ट इंडीज टीम जैसा था. आज भी क्रिकेट में इन दोनों टीमों के खेल को ही आक्रामक और दबदबे का प्रतीक माना जाता है.
वेंकटेश बोले- एप्रॉच व एटिट्यूड करता है निराश
भारत के लिए 196 वनडे विकेट लेने वाले प्रसाद का मानना है कि टीम इंडिया की एप्रॉच व एटिट्यूड निराश करता है. भारतीय खिलाड़ियों के साधारण खेल को सराहा जा रहा है. प्रसाद ने कहा, 'पैसे और ताकत होने के बाद भी हम सामान्य खेल का जश्न मना रहे हैं और विजेता टीमों से काफी दूर हैं. हरेक टीम जीत के लिए खेलती है और भारत भी ऐसा करता है लेकिन पिछले कुछ समय से उम्मीद से कम प्रदर्शन करने की एक वजह उनकी एप्रॉच व नजरिया भी है.'
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