Afghanistan Cricket: क्रिकेट के लिए नौजवान ने छोड़ी AK47, बम पहुंचाने के शक में अमेरिकी सेना ने खिलाड़ी को मार डाला, हैरतअंगेज है अफगान क्रिकेट की कहानी

मोहम्मद नबी अफगानिस्तान क्रिकेट के सबसे बड़े सितारों में से एक हैं. उन्होंने भी क्रिकेट का ककहरा रिफ्यूजी कैंप्स से ही सीखा. वे 45 इंटरनेशनल टीमों के खिलाफ जीत का रिकॉर्ड रखते हैं.

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Shakti Shekhawat

अफगानिस्तान पहली बार टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पहुंचा है.

अफगानिस्तान पहली बार टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पहुंचा है.

Highlights:

अफगानिस्तान की टीम 2009 में वर्ल्ड क्रिकेट लीग की डिवीजन 3 में खेल रही है.

अफगानिस्तान ने टी20 वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी टीमों को पीटा है.

अफगानिस्तान क्रिकेट टीम ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 के सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया. 2009 में यह टीम वर्ल्ड क्रिकेट लीग की डिवीजन 3 में खेल रही थी और आज भारत और साउथ अफ्रीका को छोड़कर दुनिया के सभी टेस्ट खेलने वाले देशों को हरा चुकी है. इस टीम ने तेजी से सफलता की सीढ़ियां चढ़ी हैं. लेकिन अफगानिस्तान के क्रिकेट के नक्शे पर चमकने की कहानी हैरतअंगेज है. उसके खिलाड़ी शरणार्थी कैंप्स में खेलते हुए आगे बढ़े. उन्होंने युद्ध की विभीषिका झेली तो अपनों को गंवाने का दर्द भी सहा. मोहम्मद नबी अफगानिस्तान क्रिकेट के सबसे बड़े सितारों में से एक हैं. लेकिन उन्होंने भी क्रिकेट का ककहरा रिफ्यूजी कैंप्स से ही सीखा. वे आज 45 इंटरनेशनल टीमों के खिलाफ जीत का रिकॉर्ड रखते हैं.

 

अफगानिस्तान क्रिकेट की नींव रखने वाले अल्लाह डाड नूरी से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा विजडन ने छापा था. यह 2004 की घटना है. विजडन ने लिखा था, 'अल्लाह डाड नूरी एक दिन काबुल में खेल रहे थे तब एक नौजवान कंधे पर AK47 टांगे हुए पहुंचता है. वह कुछ देर तक खेल को देखता है फिर उससे खेलने को कहा जाता है. बाद में वह पूछता है कि क्या वह आगे भी खेल सकता है. जब वह लौटता है तो उसके पास राइफल नहीं होती है. नूरी उससे पूछते हैं कि तुम्हारी AK47 कहां है. वह नौजवान कहता है, अरे, मुझे उसकी जरूरत नहीं. मैं क्रिकेट खेलता हूं.'

 

अमेरिकी सैनिकों ने एक खिलाड़ी को मार दिया

 

क्रिकेट की बड़ी टीमों से इतर उभरते देशों की यात्रा को बताती किताब 'Second XI: Cricket in its Outposts' में अफगानिस्तान क्रिकेट का एक किस्सा लिखा है. इसमें एक क्रिकेटर की अमेरिकी सैनिकों द्वारा हत्या की जानकारी दी गई है. किताब में लिखा है. 27 अगस्त 2008 को अमेरिकन सैनिकों ने गुप्त सूचना के आधार पर एक पूर्व खिलाड़ी रहमत वली के घर पर रेड की और उन्हें गोली मार दी. 28 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई. वली को लेकर शक था कि वह IED  (एक तरह का बम) मुहैया कराते थे. मई 2023 में अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उनकी याद में एक टूर्नामेंट शुरू किया और इसे नाम दिया रहमत वली इमर्जिंग कप.

 

'Second XI: Cricket in its Outposts' किताब में लिखा है कि अफगानिस्तान के पूर्व कोच ताज मलिक ने पाकिस्तान के पेशावर के पास कचा गढ़ी रिफ्यूजी कैंप में एक टीम बनाई. इसमें मोहम्मद नबी, असगर स्टानिकजई (अफगान), दौलत जादरान और शफूर जादरान एक साथ खेले थे.

 

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