ऑस्ट्रेलिया (Australia Cricket Team) वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन बन गया है. उसने भारत को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (World Test Championship Final) में 209 रन से मात दी. टीम इंडिया (Indian Cricket Team) लगातार दूसरी बार डब्ल्यूटीसी फाइनल में हारी है. ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार के साथ ही भारत का 10 साल से चला आ रहा आईसीसी ट्रॉफी जीतने का इंतजार और लंबा हो गया. आखिरी बार उसने 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी. रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम को जीत के लिए 444 रन का लक्ष्य मिला था इसके जवाब में वह 234 रन पर ही सिमट गई. भारत की तरफ से विराट कोहली ने सबसे ज्यादा 49 और अजिंक्य रहाणे ने 46 रन बनाए. नाथन लायन सबसे कामयाब बॉलर रहे जिन्होंने 41 रन देकर चार विकेट लिए. ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी आठ विकेट पर 270 रन बनाकर घोषित कर दी थी.
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ऑस्ट्रेलिया दूसरी टीम है जिसने डब्ल्यूटीसी खिताब जीता है. न्यूजीलैंड पहला विजेता है उसने 2021 में भारत को हराकर ही खिताब जीता था. टीम इंडिया फाइनल के आखिरी दिन पहले सेशन में ही निपट गया. 444 जैसे लक्ष्य को हासिल करना वैसे भी काफी मुश्किल होता है लेकिन जिस तरह से भारतीय टीम ने आखिरी दिन घुटने टेके उसने खेलने के तरीके पर कई सवाल खड़े किए. 23.3 ओवर में 55 रन के अंदर भारत ने आखिरी सात विकेट गंवा दिए.
चमत्कार की उम्मीदें बॉलैंड ने की ध्वस्त
मैच के आखिरी दिन भारत तीन विकेट पर 164 रन के स्कोर के साथ बैटिंग के लिए उतरा. भारतीय फैंस को काफी उम्मीदें थीं. जिस तरह से भारत ने चौथे दिन के आखिरी एक घंटे में बैटिंग की थी उससे लग रहा था कि आखिरी दिन चमत्कार हो सकता है. मगर सारे अरमान पहले सेशन में ही धुल गए. कोहली और रहाणे ने खेल को आगे बढ़ाया मगर दिन के सातवें ओवर में ऑस्ट्रेलिया ने कामयाबी हासिल की. स्कॉट बॉलैंड ने तीन गेंद के अंतराल में कोहली और रवींद्र जडेजा को आउट कर भारत को बैकफुट पर धकेल दिया. कोहली ऑफ साइड के बाहर जाती गेंद पर ड्राइव करने की कोशिश में दूसरी स्लिप में स्टीव स्मिथ के हाथों लपके गए. वे कई बार इस तरह आउट हो चुके हैं और डब्ल्यूटीसी फाइनल में भी इसी तरह उनकी पारी का अंत हुआ. कोहली ने 78 गेंद में सात चौकों से 49 रन बनाए. जडेजा का खाता नहीं खुला और बॉलैंड की गेंद बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर एलेक्स कैरी के दस्तानों में समा गई. इस तरह भारत का स्कोर पांच विकेट पर 179 रन हो गया.
रहाणे ने कराया 200 के पार
बॉलैंड ने ओवर की आखिरी गेंद पर केएस भरत को लगभग फंसा लिया था लेकिन गेंद किनारा लेने के बाद स्लिप के ऊपर से चौके के लिए चली गई. इससे भरत बाल-बाल बचे. रहाणे अभी भी डटे हुए थे और भारतीय उम्मीदों को उनका ही सहारा था. उन्होंने भरत के साथ मिलकर स्कोरबोर्ड को चलाया और टीम को 200 के पार पहुंचा दिया. छठे विकेट के लिए 33 रन की साझेदारी हुई. कोहली की तरह ही रहाणे ने भी लापरवाही भरा शॉट खेला और विकेट गंवाया. वे मिचेल स्टार्क की गेंद को कट करने की कोशिश में कीपर के हाथों लपके गए. जैसे ही बल्ला गेंद से लगा वैसे ही रहाणे ने सिर पकड़ लिया मगर तब तक तीर कमान से निकल सकता था. उन्होंने 108 गेंद का सामना किया और सात चौकों से 46 रन बनाए.
पहली पारी के नायक रहे शार्दुल ठाकुर का भी खाता नहीं खुला और वे नाथन लायन की गेंद पर एलबीडब्ल्यू करार दिए गए. इसके साथ ही भारत की हार तय हो गई. बस अब यह बचा था कि स्कोर में कितने रन जुड़ते हैं. 12 गेंद खेलने के बाद उमेश यादव एक रन बनाकर आउट हुए. वे स्टार्क की बाउंसर के शिकार बने. केएस भरत 41 गेंद में दो चौकों से 23 रन बनाने के बाद नौवें विकेट के रूप में लायन के शिकार हुए. मोहम्मद सिराज आखिरी विकेट के रूप में आउट हुए और इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने नौवीं बार आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम कर ली.
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