बड़ी खबर: चैम्पियंस ट्रॉफी में हुई गड़बड़ तो टीम इंडिया के इस दिग्गज को पड़ेगा भारी, बीसीसीआई पर कतरने को है तैयार

गौतम गंभीर पर खतरा मंडरा रहा है. गंभीर की कुर्सी जा सकती है. बोर्ड उनसे खुश नहीं है और न ही वो कोच पद के लिए पहली पसंद थे. चैंपियंस ट्रॉफी में उन्हें खुद को साबित करना होगा वरना गंभीर को दिक्कत हो सकती है.

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टीम के साथ बात करते गौतम गंभीर

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गौतम गंभीर पर खतरा मंडरा रहा है

गंभीर टीम इंडिया के हेड कोच पद से हट सकते हैं

चैंपियंस ट्रॉफी में उन्हें खुद को साबित करना होगा

टीम इंडिया के लिए फिलहाल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज ज्यादा खास नहीं जा रही है. भारत को चौथे टेस्ट में करारी हार का सामना करना पड़ा और अब मुख्य कोच गौतम गंभीर और उनके सहयोगी स्टाफ की टीम में बदलाव के दौर से निपटने में भूमिका भी चर्चा का विषय बन गई है. मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में टीम का सफर मुश्किल रहा है क्योंकि उसे आक्रामक और बेहद मजबूत ऑस्ट्रेलियाई टीम के सामने सही कॉम्बिनेशन हासिल करने में संघर्ष करना पड़ा है. मेहमान टीम शुक्रवार से यहां पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच खेलेगी जिसे जीतना उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. मैदान पर आने वाले उतार-चढ़ाव के कारण मैदान के बाहर भी कुछ समस्याएं पैदा हो रही हैं और ड्रेसिंग रूम में अशांति की चर्चाएं बढ़ रही हैं.

गंभीर पर भी सवाल

भारतीय क्रिकेट बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘‘एक टेस्ट मैच बचा है और फिर चैंपियंस ट्रॉफी है. अगर प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ तो गौतम गंभीर की स्थिति भी सुरक्षित नहीं होगी.’’ चयन समिति के साथ गंभीर का समीकरण भी इस समय स्पष्ट नहीं है. 

बीसीसीआई सचिव जय शाह अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के प्रमुख बन गए हैं और बोर्ड को उनका पूर्णकालिक उत्तराधिकारी 12 जनवरी के बाद ही मिलेगा. इसके बाद बोर्ड के अधिकारी फैसला ले सकते हैं. जब तक शाह बीसीसीआई के प्रभारी थे तब तक वही फैसले करते थे. बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष और पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज रोजर बिन्नी को कोई नीति संबंधी फैसला लेते नहीं देखा गया है.

बोर्ड को चुभी थी न्यूजीलैंड के खिलाफ हार

लेकिन अगर फरवरी-मार्च में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का प्रदर्शन बहुत बेहतर नहीं रहा तो गंभीर के पर कतर दिए जाएंगे. बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘‘वह कभी भी बीसीसीआई की पहली पसंद नहीं थे (वीवीएस लक्ष्मण थे) और कुछ जाने-माने विदेशी नाम तीनों फॉर्मेट के कोच नहीं बनना चाहते थे इसलिए वह एक समझौता थे. जाहिर है कुछ अन्य मजबूरियां भी थीं.’’ न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर 0-3 से मिली हार के बाद गंभीर से पहले ही कुछ कठिन सवाल पूछे जा चुके हैं और अगर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी गंवा दी गई तो दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज के लिए चीजें मुश्किल हो सकती हैं.

पहले से ही एक विचारधारा यह है कि गंभीर को केवल टी20 टीम की कमान सौंपी जानी चाहिए जो एक ऐसा फॉर्मेट जिसमें वह सफल कप्तान और फिर कोलकाता नाइट राइडर्स और लखनऊ सुपरजायंट्स दोनों के सफल मेंटर (मार्गदर्शक) रहे. एक सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि क्या वह विराट कोहली को ऑफ स्टंप के बाहर की तरफ लगातार आउट होने के मामले में कोई समाधान दे पाए हैं? हालात को देखते हुए, इसका जवाब ‘नहीं’ ही लगता है.

भारत के लिए 90 से अधिक टेस्ट खेलने वाले एक पूर्व दिग्गज ने कहा, ‘‘गौतम अपने पूरे जीवन में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में खेलते हुए गेंद को स्लिप और गली की तरफ दबाते थे. इसलिए उन्हें पता है कि कोहली की समस्या क्या है. उन्होंने इसे एक खिलाड़ी (2014 में) और एक कमेंटेटर के रूप में और अब एक कोच के रूप में देखा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर उसे (गंभीर को) पता है कि क्या गलत है तो उसे (कोहली को) यह बताना चाहिए.’’ 

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