टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच और अपने जमाने के दिग्गज बैटर राहुल द्रविड़ ने खुलासा किया है कि साल 2012 में जब वो रिटायर हुए तो उसके पीछे कई कारण थे. इसमें एक फील्डिंग भी थी. भारत की अगर फील्डिंग में बदलाव आया है तो इसके पीछे विराट कोहली, रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे का हाथ है.
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भारत के महान बैटर राहुल द्रविड़ ने इंटरनेशनल क्रिकेट में 24,000 रन बनाने के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. उन्होंने भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल 2012 में एडिलेड में आखिरी टेस्ट मैच खेला था. इस सीरीज में टीम इंडिया को 4-0 से हार मिली थी. इस बीच पूर्व भारतीय स्पिनर आर अश्विन के साथ खास बातचीत यानी की कुट्टी स्टोरीज के दौरान द्रविड़ ने कहा कि, मेरी रिटायरमेंट के पीछे एक कारण तुम भी हो.
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कैच ड्रॉप होने के बाद ही मैंने रिटायर होने का सोच लिया था
द्रविड़ ने कहा कि, आप इसलिए भी मेरी रिटायरमेंट का एक कारण हो क्योंकि मैंने आपकी गेंद पर ही माइकल हसी का कैच ड्रॉप किया था. ये मेरी जिंदगी का सबसे आसान कैच था जिसे मैंने छोड़ दिया था. मैंने अपने करियर में काफी कुछ किया है. लेकिन मुझे याद नहीं कि मैंने इतना आसान कैच कब ड्रॉप किया है. उस दौरान ही मुझे पता चल गया था कि अब समय आ गया है.
द्रविड़ ने कहा कि, उस दौरान उन्हें ये पता चल चुका था कि उनका इंटरनेशनल क्रिकेट में अब हो चुका है लेकिन वो एक भावुक फैसला नहीं लेना चाहते थे. ऐसे में वो घर गए और उन्होंने अपने परिवार संग समय बिताया. द्रविड़ ने कहा कि, इसके बाद मुझे एहसास हुआ कि मुझे अब वापस जाकर नहीं खेलना चाहिए.
युवा लड़के टीम में आ चुके थे
बता दें कि पुजारा को द्रविड़ की जगह लेने में ज्यादा समय नहीं लगा. जब जब द्रविड़ चोट से जूझ रहे थे तब तक पुजारा टीम में आ चुके थे. कोहली और रहाणे मिडिल ऑर्डर में पहले ही सेट हो चुके थे. ऑस्ट्रेलिया में ही कोहली ने पहला टेस्ट शतक ठोका था. रोहित इस दौरान व्हाइट बॉल क्रिकेट में अपना नाम बना रहे थे.
द्रविड़ ने अंत में कहा कि, मैं देख सकता हूं कि अब कई सारे युवा खिलाड़ी आ रहे हैं. विराट और रोहित भी आए. विराट के लिए उस दौरान वाली ऑस्ट्रेलिया सीरीज शानदार रही थी. लेकिन रोहित ने उस दौरान सीरीज में एक भी मैच नहीं खेला था. पुजारा ने रन बनाएं लेकिन वो एसीएल की चोट के साथ आ रहे थे. रहाणे इस दौरान काफी बेहतरीन कर रहे थे. 4-5 लड़के आ चुके थे. और तभी मुझे लग गया था कि ये आने वाले समय के महान खिलाड़ी बनेंगे. उस दौरान मुझे लगा कि मेरा समय हो चुका है.
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