टीम इंडिया इस समय बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में बिजी है. पांच मैचों की इस सीरीज में टीम इंडिया 12 से पीछे है. मेलबर्न टेस्ट 184 रन से गंवाने के बाद रोहित शर्मा की टीम इस सीरीज में पिछड़ गई है. भारतीय कप्तान रोहित, विराट कोहली, ऋषभ पंत, केएल राहुल जैसे स्टार खिलाड़ी मेलबर्न में फ्लॉप रहे, मगर 21 साल के नीतीश कुमार रेड्डी ने इस मुकाबले में मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस, स्कॉट बोलैंड, नाथन लायन की गेंदों का जवाब दिया .उन्होंने मेलबर्न में मेडन शतक लगाया. नीतीश ने अपनी साहसिक बल्लेबाजी से हर किसी को अपना फैन बना लिया है.
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पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर भी नीतीश की बल्लेबाजी से काफी प्रभावित हैं. गावस्कर ने नीतीश को भारतीय क्रिकेट के सबसे चमकते युवा सितारों में से एक करार दिया है. उन्होंने ये भी कहा कि नीतीश की बल्लेबाजी हार्दिक पंड्या से उस समय बेहतर है, जब उन्होंने टीम इंडिया के लिए खेलना शुरू किया था.
मेलबर्न टेस्ट में नीतीश पहली पारी में नंबर 8 पर बैटिंग करने आए थे और 114 रन बनाकर टीम की मुकाबले में वापसी करा दी थी. Sportstar में अपने कॉलम में गावस्कर ने लिखा-
मेलबर्न टेस्ट ने भारतीय क्रिकेट के सबसे चमकते युवा सितारों में से एक नीतीश कुमार रेड्डी को सामने ला दिया. वे आईपीएल में हैदराबाद फ्रेंचाइज के लिए अपने प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट फैंस के ध्यान में आए और हालांकि उन्होंने प्रथम श्रेणी लेवल पर कुछ खास नहीं किया था, मगर यह अजीत अगरकर और उनके साथी चयनकर्ताओं का श्रेय है, जिन्होंने उन्हें टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौक़ा दिया.
पर्थ में उनके डेब्यू टेस्ट मैच में ही यह साफ हो गया था कि ये एक ऐसे क्रिकेटर है जो परिस्थितियों को भांपकर उसके अनुसार खेल सकते हैं. हर अगले टेस्ट मैच के साथ उनके कंधों पर एक अच्छे ‘क्रिकेटर’ की छाप और मजबूत होती गई.
'बिल्कुल पंड्या से बेहतर'
नीतीश कुमार रेड्डी ने इससे पहले पर्थ और एडिलेड में 40 रनों की कीमती पारी खेली थी, लेकिन उन्होंने मेलबर्न में पैट कमिंस, नाथन लियोन, मिशेल स्टार्क और स्कॉट बोलैंड के खिलाफ शतक जड़कर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा. हालांकि वो अपनी गेंदबाजी में सुधार करना चाहते हैं.
गावस्कर ने आगे कहा-
और मेलबर्न में, जब टीम इंडिया मुश्किल में थी, तब उन्होंने शानदार शतक जड़ा था, जिसने आने वाले लंबे समय के लिए टीम में उनकी जगह पक्की कर दी है.
जब से हार्दिक पंड्या टेस्ट क्रिकेट के लिए उपलब्ध नहीं हैं,तब से भारत एक ऐसे ऑलराउंडर की तलाश कर रहा है जो मध्यम गति की गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों कर सके. रेड्डी की गेंदबाजी में अभी भी सुधार की जरूरत है, लेकिन एक बल्लेबाज के तौर पर वह निश्चित रूप से उसी समय पंड्या से बेहतर हैं.
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में चार टेस्ट मैचों में नीतीश ने 294 रन बनाए और तीन विकेट लिए.
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