भारत के कप्तान शुभमन गिल को इंग्लैंड के खिलाफ चल रहे तीसरे टेस्ट मैच में अंपायरों से बहस के बाद ICC की सजा का सामना करना पड़ सकता है. यह घटना लॉर्ड्स के मैदान पर दूसरे दिन सुबह हुई.
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शुभमन गिल लॉर्ड्स के मैदान में गेंद बदलने के चक्कर में अंपायर से भिड़े तो सुनील गावस्कर भी भड़क उठे, कहा - ये तो 10 ओवर पुरानी नहीं...
गेंद की हालत से नाराज भारतीय खिलाड़ी भारतीय गेंदबाज ड्यूक्स गेंद की खराब हालत से नाराज थे. लॉर्ड्स की पिच पर गति और उछाल कम था, जो हेडिंग्ले और एजबेस्टन की तुलना में अलग था. इस स्थिति का फायदा इंग्लैंड के बल्लेबाज ब्रायडन कार्स और जेमी स्मिथ ने उठाया. दोनों ने भारत की कसी हुई गेंदबाजी के बावजूद 80 से ज्यादा रनों की साझेदारी की, जब इंग्लैंड का स्कोर 271/7 था.
क्या था पूरा मामला?
91वें ओवर में गेंदबाजी के लिए मोहम्मद सिराज आए. सिराज ने पहली 4 गेंदें फेंकी लेकिन इसके बाद उन्होंने बॉल की खराब शेप को लेकर अंपायर से शिकायत की. इस दौरान शुभमन गिल भी आगे आ गए. अंपायरों ने फिर माना कि बॉल की शेप खराब हो चुकी है. इसके बाद बॉल के एक बॉक्स को मैदान पर लाया गया और अंपायरों ने कुछ गेंदें निकाल गिल को दी. हालांकि गिल इस गेंद से भी खुश नहीं हुए और कहा कि इसकी कंडीशन भी ठीक नहीं है. लेकिन अंपायर ने बॉल बदलने से मना कर दिया. फिर गिल गुस्सा हो गए. सिराज को भी गुस्सा आया. लेकिन अंपायर ने यहां दोनों को खेल शुरू करने के लिए कहा.
गिल की अंपायरों से बहस
गेंद की खराब हालत को देखकर गिल ने अंपायरों से इसे बदलने की मांग की. लेकिन जब अंपायरों ने गेंद बदली, तो भारत को थोड़ी पुरानी गेंद दी गई. इससे गिल नाराज हो गए और उन्होंने अंपायरों से बहस की. उनकी नाराजगी उनके हाव-भाव से साफ दिख रही थी.
ICC नियम 2.8 के तहत सजा का खतरा
गिल का यह व्यवहार ICC के नियम 2.8 का उल्लंघन हो सकता है, जो अंपायर के फैसले पर असहमति दिखाने की मनाही करता है. ICC के मुताबिक, अंपायर के फैसले पर बहस करना या लंबी चर्चा करना सजा योग्य अपराध है. ऐसे में गिल को उनके मैदान पर व्यवहार के लिए सजा मिल सकती है.
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