भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड की फील्डिंग की रणनीति पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) से मांग की है कि फील्डिंग को लेकर नियम बनाए जाए. सुनील गावस्कर इस बात से नाराज थे कि इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने शॉर्ट बॉल रणनीति अपनाई और इस दौरान लेग साइड में सात फील्डर खड़े कर दिए. इनमें से चार खिलाड़ी बाउंड्री के पास खड़े थे. भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को आउट करने के लिए इंग्लिश टीम ने यह रणनीति अपनाई.
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गावस्कर ने कहा कि कमेंट्री के दौरान कहा कि इंग्लैंड ने सात फील्डर लेग साइड में खड़े किए हैं. इनमें से चार बाउंड्री पर हैं. यह तो क्रिकेट नहीं है. यह कैसा क्रिकेट है. इस बारे में आईसीसी को नियम बनाने चाहिए. यह खेलने का सही तरीका नहीं है. उन्होंने एक ओवर में दो से ज्यादा बाउंसर फेंकने के बाद नो बॉल को लेकर बने नियम का उदाहरण दिया कि वेस्ट इंडीज के बॉलर्स बाउंसर्स की बौछार कर देते थे. इसे देखते हुए आईसीसी ने नियम बनाए थे. ऐसा ही फील्डिंग को लेकर होना चाहिए. इंग्लैंड बॉडीलाइन रणनीति अपना रहा है. यह क्रिकेट नहीं है.
गावस्कर ने गांगुली से की अपील
गावस्कर ने आईसीसी तकनीकी समिति के प्रमुख सौरव गांगुली से इस बारे में कदम उठाने को कहा. उन्होंने कहा कि अगर वे सुन रहे हैं तो उन्हें इस बारे में नियम बनाने चाहिए. लेग साइड में अधिकतम फील्डर लगाने की सीमा होनी चाहिए.
इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ अभी तक खेले तीनों टेस्ट में शॉर्ट बॉल और लेग साइड में ज्यादा से ज्यादा फील्डर लगाने की रणनीति अपनाई है. हालांकि उसे इसका ज्यादा फायदा मिला नहीं. लेकिन विकेट नहीं मिलने पर मेजबान टीम इसी रणनीति के साथ जाती है.
इंग्लैंड ने डाली 61 फीसदी शॉर्ट बॉल
एक रिकॉर्ड बताता है कि इस सीरीज में इंग्लैंड की ओर से 60.9 प्रतिशत बॉलिंग शॉर्ट पिच पर रही है. इस पर भारत के केवल सात विकेट गिरे हैं. वहीं इंग्लैंड ने भारत की ओर से की गई शॉर्ट पिच गेंदबाजी पर 12 बल्लेबाजों को खोया है.
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