भारत के स्टार स्पिनर कुलदीप यादव दिल्ली कैपिटल्स की तरफ से आईपीएल में कमाल कर रहे हैं. इस सीजन उनके नाम पांच मैचों में 15.20 की औसत से 10 विकेट लिए. कुलदीप जब से दिल्ली से जुड़े हैं, अपनी गेंदबाजी से कमाल ही कर रहे हैं. जब वो कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा थे तब उनके प्रदर्शन में काफी गिरावट आयी थी, लेकिन दिल्ली में आने के बाद उनकी किस्मत ही बदल गई.
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दिल्ली की टीम से जुड़ने के बाद उन्होंने 33 मैचों में 41 विकेट लिए है. उन्होंने अब बताया कि आखिर कैसे उनके प्रदर्शन में इतना सुधार आया. कुलदीप का कहना है कि साल 2020 में घुटने की ऑपरेशन के बाद कोच कपिल पांडे की देखरेख में ट्रेनिंग करते हुए उन्होंने नई स्किल्स सीखी, जिसका उन्हें फायदा मिला. कुलदीप ने कहा-
जब केकेआर में मैं था, तब मुझे गाइडेंस की जरूरत थी, लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है. मैं अब अपनी समझ से चीजें कंट्रोल करता हूं.
धोनी की महसूस हुई कमी
कुलदीप का कहना है कि एमएस धोनी के इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर होने के बाद उन्हें गाइडेंस की काफी जरूरत महसूस हुई थी. उन्होंने कहा-
माही भाई ने 2019 के बाद टीम इंडिया के लिए खेलना छोड़ दिया था और उनके बाद मुझे मार्गदर्शन की जरूरत महसूस हुई. अब अनुभव के साथ मैं चीजों को बेहतर तरीके से समझने लगा हूं.
कुलदीप 2016-2020 तक कोलकाता टीम का हिस्सा रहे थे. उन्होंने कहा-
मुझे अब भी केकेआर में अपने समय पर पछतावा है और मुझे लगता है कि मैं अब जो कुछ भी कर रहा हूं, काश मैं इसे पहले ही कर पाता. मुझे अब भी दुख होता है कि अगर मैंने उस समय उन स्किल्स पर काम किया होता तो मैं और भी अधिक प्रभावी हो सकता था.
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