आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी ने बड़ा खुलासा किया है. ललित मोदी ने कहा कि, साल 2008 में जब कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच मुकाबला खेला जाना था तब वो ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर सोनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट तोड़ने वाले थे और मैच को लाइव दिखाने के लिए किसी और ब्रॉडकास्टर को कॉन्ट्रैक्ट देने वाले थे.
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मोदी फिलहाल यूके में रहते हैं. ऐसे में उन्होंने बताया कि उन्हें चिंता थी कि अगर मैच व्यूअरशिप फ्लॉप हो जाती है तो उनका करियर खत्म हो जाएगा. इसलिए उन्होंने सोनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने का प्लान कर लिया था.
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ललित मोदी को मिली थी धमकी
माइकल क्लार्क के साथ बातचीत में मोदी ने कहा कि, मैंने उस दिन किताब का हर नियम तोड़ा. मैंने सोनी के साथ एक्सक्लूसिव कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था. लेकिन मुझे डर था कि सोनी की उतनी पहुंच नहीं होगी. फिलहाल सोनी हर जगह उपलब्ध है. ललित मोदी ने आगे कहा कि, जिन ब्रॉडकास्टर्स को कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिल पाया था, मैंने उन सभी को लाइव जाने के लिए कह दिया था. इसमें न्यूज चैनल्स भी थे. बाद में सोनी ने मुझे धमकी दी थी कि मैं तुमपर मुकदमा करूंगा. मैंने कहा, अभी तुम भूल जाओ, बाद में मुकदमा करना. अंत में मैंने सोनी से यही कहा कि, हम लाइव जा रहे हैं क्योंकि आपके पास उतनी रीच नहीं है. मैं बस ये चाहता था कि हर कोई पहला मैच देखे और ये फ्लॉप न हो.
बता दें कि साल 2009 में बीसीसीआई ने सोनी के साथ ब्रॉडकास्टिंग कॉन्ट्रैक्ट तोड़ दिया था.
मार्च 2009 में, बीसीसीआई ने सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन और वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप के साथ अपने ब्रॉडकास्टिंग राइट्स को अचानक खत्म कर दिया, क्योंकि उन्होंने नियम तोड़े थे. इसके बाद, मोदी ने नया करार किया, जिसमें सोनी/एमएसएम को 2017 तक प्रसारण अधिकार मिले, जिसकी कीमत करीब 1.63 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 8,200 करोड़ रुपए) थी.
इसपर कई सवाल भी उठे, क्योंकि बीसीसीआई ने कहा कि मोदी ने अपनी शक्तियों से बाहर जाकर कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव किया और डब्ल्यूएसजी को फायदा पहुंचाया. ईडी और अदालतें इस मामले में शामिल हुईं, और यह मामला मोदी के खिलाफ मुख्य आरोपों में से एक है.
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