इंडियन प्रीमियर लीग के 2022 सीजन में गुजरात टाइटंस और लखनऊ सुपर जायंट्स को शामिल करने से पहले, आईपीएल पहले भी 10 टीमों वाला टूर्नामेंट था. 2011 में, आईपीएल में दो नई फ्रेंचाइजी, पुणे वॉरियर्स इंडिया और कोच्चि टस्कर्स केरल शामिल हुईं थीं. हालांकि, इनमें से कोई भी वर्तमान में लीग में हिस्सा नहीं लेती हैं. पुणे की फ्रेंचाइजी ने तीन सीजन तक खेला. हालांकि कोच्चि की फ्रेंचाइजी को अग्रीमेंट तोड़ने के चलते बीच में ही टर्मिनेट कर दिया गया.
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यूट्यूब पर 'द रणवीर शो' पर एक इंटरव्यू में, भारत के पूर्व क्रिकेटर एस श्रीसंत, जिन्होंने ब्रेंडन मैकुलम, महेला जयवर्धने, रवींद्र जडेजा और कई अन्य लोगों के साथ कोच्चि टस्कर्स केरल के लिए खेला था. उन्होंने खुलासा किया कि फ्रेंचाइजी पर अभी भी उन क्रिकेटरों का पैसा बकाया है.
अब तक खिलाड़ियों को नहीं मिले हैं पैसे
श्रीसंत ने बातचीत के दौरान कहा, ''उन्हें बहुत सारा पैसा देना है.'' “उन्होंने अभी भी ऐसा नहीं किया है. आपको मुरलीधरन सर से मिलना चाहिए, आपको महेला जयवर्धने सर से मिलना चाहिए. फिर वो आपको बताएंगे कि कितने पैसे बाकी हैं.
भारत के पूर्व विश्व कप विजेता खिलाड़ी ने कहा कि इस फ्रेंचाइजी को पहले तीन सीजन के लिए लीग में खेलना था लेकिन सिर्फ साल 2011 के बाद ही फ्रेंचाइजी को सस्पेंड कर दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि खिलाड़ियों ने कभी भी कोच्चि द्वारा अपना बकाया चुकाने में विफलता के बारे में खुलकर बात नहीं की है. श्रीसंत ने गुहार लगाते हुए कहा कि “कृपया दोस्तों, मुझे लगता है कि बीसीसीआई ने सचमुच आपको भुगतान कर दिया है. कृपया हमें भुगतान करें... वैसे भी जब भी आप भुगतान करें तो हर साल 18% ब्याज याद रखें. श्रीसंत ने हसंते हुए कहा कि जब मेरे बच्चों की शादी होगी, हमें पैसा जरूर मिलेगा.
रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ था कि कोच्चि टस्कर्स को 2011 में 155.3 करोड़ रुपये का वार्षिक भुगतान करने में विफल रहने के कारण बीसीसीआई द्वारा आईपीएल से बाहर कर दिया गया था. उस सीजन में आठवें स्थान पर रहने के बावजूद, फ्रेंचाइजी, जिसे 1550 करोड़ रुपये में हासिल किया गया था उसे अंत में लीग से विदा होना पड़ा. इसके बाद, फ्रेंचाइजी मालिकों में से एक, रेंडेज़वस स्पोर्ट्स वर्ल्ड ने बीसीसीआई के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में मामला दायर किया, जिसका नतीजा ये रहा कि बीसीसीआई को 550 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा. हालांकि, 2012 की एक रिपोर्ट से पता चला कि कुछ क्रिकेटरों को अभी भी उनके वादे का 30 से 40 प्रतिशत भुगतान नहीं मिला है.
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