भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने खिलाड़ी के तौर पर क्रिकेट से संन्यास ले लिया. उन्होंने रणजी ट्रॉफी 2023-23 में बिहार के खिलाफ अपना आखिरी मैच खेला. मनोज तिवारी ने संन्यास के बाद भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वे भी इंटरनेशनल क्रिकेट में कमाल कर सकते थे. उनके पास भी विराट कोहली और रोहित शर्मा की तरह चमकने की संभावना थी लेकिन पर्याप्त मौके नहीं मिले. मनोज तिवारी ने भारत के लिए 12 वनडे मुकाबले खेले जिनमें 287 रन बनाए. उन्होंने एक शतक और एक अर्धशतक लगाया.
ADVERTISEMENT
मनोज को दिसंबर 2011 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ शतक के बाद भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया. इसके बाद वे 14 मैचों तक उन्हें मौका नहीं मिला. शतक के बाद उनका अगला मैच जुलाई 2012 में श्रीलंका के खिलाफ था. वापसी के बाद दूसरे ही मैच में उन्होंने 65 रन की पारी खेली. इसके बाद वे फिर से बाहर हो गए और 2014 में जाकर फिर से भारत के लिए खेल पाए. उस समय धोनी टीम इंडिया के कप्तान थे.
मनोज धोनी पर क्या बोले
मनोज ने कलकत्ता स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट क्लब के सम्मान समारोह से इतर रिपोर्टर्स से कहा, 'मैं धोनी से पूछना चाहूंगा कि 2011 में शतक लगाने के बाद मुझे प्लेइंग इलेवन से बाहर क्यों किया गया? मेरे पास भी रोहित शर्मा, विराट कोहली जैसा हीरो बनने की संभावनाएं थीं लेकिन ऐसा नहीं हो सका. आज जब मैं कई लोगों को बहुत सारे मौका मिलते हुए देखता हूं तो दुख महसूस होता है.'
मनोज घरेलू क्रिकेट में बने दिग्गज
मनोज ने 38 साल की उम्र में संन्यास का ऐलान किया. उन्होंने घरेलू क्रिकेट में जबरदस्त खेल दिखाया. उनके नाम 148 फर्स्ट क्लास मैच में 47.86 की औसत से 10195 रन रहे. 30 शतक और 35 अर्धशतक उन्होंने इस फॉर्मेट में लगाए. 169 लिस्ट ए मैचों में मनोज ने 42.28 की औसत से 5581 रन बनाए.
ये भी पढे़ं
KKR ने बीटेक धारी जिस खिलाड़ी को बिना खिलाए बाहर किया उसने शतक से मचाई धमाचौकड़ी, रणजी ट्रॉफी में हासिल किया सबसे बड़ा टारगेट
93 गेंदों पर बनाए 11 रन और बन गया टीम का हीरो, हनुमा विहारी के दोस्त ने आठवें नंबर पर उतरकर कैसे टाली टीम की हार!