क्रिकेट बहुत ही विचित्र खेल है, इस खेल के नियम कुछ लोगों के लिए आसान हैं वहीं कुछ के लिए ये समझ से परे है. यह एक ऐसा खेल है जिसमें नियम नहीं बल्कि कानून होते हैं, जिन्हें ‘’लॉज ऑफ क्रिकेट’’ के नाम से जाना जाता है (laws of cricket). इन्हीं अलग नियमों के चलते एक टीम को विश्व कप से हाथ धोना पड़ गया था. बात है 2019 क्रिकेट विश्व कप के फाइनल की जिसमें इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच ऐसी टक्कर हुई थी जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.
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फाइनल में दोनों टीमों ने दिखाया दमखम
2019 में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच विश्व कप फाइनल खेला जा रहा था. दोनों ही टीमें काफी मजबूत थी. आखिरी गेंद पर भी नहीं पता था कि आखिर कौन सी टीम यह मैच जीतेगी. नतीजा यह हुआ कि मैच टाई हो गया. वैसे तो 50 ओवर का मैच यदि टाई हो जाए तो उसके बाद किसी भी टीम को विजेता घोषित नहीं किया जीता. अगर यह मैच लीग स्टेज में खेला गया होता तो ऐसा ही होता, लेकिन यहां फाइनल खेला जा रहा था जिस वजह से विजेता चुनने की जिम्मेदारी अब सुपर ओवर पर आ चुकी थी.
सुपर ओवर का कमाल
न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 241 रन बनाए थे, जो कि कोई बड़ा स्कोर नहीं था. लेकिन उनकी गेंदबाजी ने इस स्कोर के साथ भी इंग्लिश बल्लेबाजों की हालत खराब कर दी. जब 100 ओवर का खेल खत्म हुआ तब दोनों टीमों का स्कोर 241 ही था. उसके बाद बारी आई सुपर ओवर की. सुपर ओवर में इंग्लैंड ने बनाए 15 रन और न्यूजीलैंड को जीत के लिए बनाने थे 16 रन. लेकिन मैच का रोमांच इतना ज्यादा हो चुका था कि न्यूजीलैंड ने भी 15 रन ही बनाए.
बाउंड्री काउंट से मिला विजेता
आप सोच रहे होंगे कि जब 102 ओवरों का खेल होने के बाद भी दोनों टीमों का स्कोर एक समान था तो फिर इंग्लैंड ने विश्व कप कैसे जीता? यहां पर एक बार फिर क्रिकेट के नियम बीच में आ गए. न्यूजिलैंड ने अपनी 50 ओवर की पारी में 16 गेंदों को सीमा रेखा के बाहर भेजा था. लेकिन इंग्लैंड की टीम ने 24 बाउंड्री लगाई थीं. उस समय के नियमों के हिसाब से यदि सुपर ओवर भी टाई होता है तो जिस टीम ने ज्यादा बाउंड्री लगाई होती हैं वह टीम विजेता होती थी. लेकिन अब यह नियम बदल चुका है. अब जब तक मैच का स्पष्ट नतीजा नहीं आता तब तक सुपर ओवर होता रहता है. है ना क्रिकेट का खेल गजब? दो ऐसी टीमें जिन्होंने एक ही बराबर रन बनाए लेकिन तब भी जीत उसको मिली जिसने चौके छक्के ज्यादा लगाए. अकसर आप कोच को कहते हुए सुनते होंगे कि बाउंड्री से ज्यादा एक और दो रन पर फोकस करें, लेकिन अगर न्यूजीलैंड ने उस दिन बाउंड्री पर फोकस किया होता तो शायद आज विश्व कप उनके पास होता.
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