भारत ने इंग्लैंड को हराकर फिजिकली डिसएबल्ड चैंपियंस ट्रॉफी जीत ली. योगेंद्र भदोरिया की आतिशी फिफ्टी और राधिका प्रसाद के चार विकेटों के दम पर भारतीय टीम विजेता बनी. उसने कोलंबो में खेले गए मुकाबले में पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवर में चार विकेट पर 197 रन का स्कोर बनाया. इसके बाद इंग्लैंड को 118 रन पर ढेर कर दिया. भारत की ओर से ओपनर भदोरिया ने 40 गेंद में चार चौकों व पांच छक्कों की मदद से 73 रन की पारी खेली. उन्होंने 182.50 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए. उनके अलावा माजिद ने 19 गेंद में 33 और नरेंद्र मंगोरे ने 14 गेंद में नाबाद 21 रन की पारी खेली. मंगोरे की पारी में तीन छक्के शामिल रहे. इंग्लैंड की ओर से लियम ओब्रायन व एलेक्स हेमंड ने दो-दो विकेट लिए.
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इंग्लैंड की तरफ से बल्लेबाजी में कप्तान कैलम फ्लिन ने 23 और हेमंड ने 35 रन बनाते हुए कोशिश की लेकिन भारतीय बॉलिंग ने उन्हें बांध दिया. इससे इंग्लिश बल्लेबाज खुलकर नहीं खेल पाए.भारत की तरफ से प्रसाद ने गेंद से कमाल दिखाया और 3.2 ओवर में 19 रन देकर चार बल्लेबाजों को आउट कर दिया. उनके अलावा विक्रांत केनी ने तीन ओवर में 15 रन देकर दो शिकार किए तो रवींद्र सांते ने चार ओवर में 24 रन देकर दो विकेट लिए.
टीम इंडिया के कप्तान ने जीत पर क्या कहा
जीत के बाद भारतीय कप्तान केनी ने कहा, 'इस टीम को पीडी चैंपियंस ट्रॉफी में जीत दिलाना मेरे करियर का सबसे गौरव का पल है. प्लेऑफ के दौरान हमारा सफर दिखाता है कि कितना टैलेंट है और इस टीम में लड़ने का जज्बा है. हरेक खिलाड़ी ने इस उपलब्धि के लिए अहम योगदान दिया. यह ट्रॉफी केवल हमारी नहीं है बल्कि भारत के लिए खेलने का सपना देखने वाले हरेक दिव्यांग की है.'
टीम इंडिया के कोच कामयाबी पर क्या बोले
हेड कोच रोहित जालानी ने जीत का सेहरा खिलाड़ियों के सिर पर बांधा. उन्होंने कहा कि वे तेजी से यहां के हालात के हिसाब से ढल गए और विरोधी टीमों ने उनके सामने जो चुनौती पेश की उसका डटकर सामना किया. उन्होंने कहा, 'लड़कों ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान गजब का कैरेक्टर दिखाया है. हालात के अनुकूल हुए और हर चुनौती को झेला. इस जीत को केवल ट्रॉफी खास नहीं बनाती है बल्कि जिस तरह से यह टीम खेली उसमें दिलेरी, दृढ़ संकल्प और भारतीय क्रिकेट के जज्बे की झलक थी.'
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