श्रीलंका के धाकड़ खिलाड़ी एंजेलो मैथ्यूज ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा कि जून में बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट के बाद वे इस फॉर्मेट से अलग हो जाएंगे. एंजेलो मैथ्यूज ने कहा कि वनडे और टी20 फॉर्मेट में वह श्रीलंकाई टीम की जरूरत के हिसाब से चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे. वे अभी 118 टेस्ट खेल चुके हैं जिसमें आठ हजार से ज्यादा रन बनाए. मैथ्यूज ने 34 टेस्ट में श्रीलंका की कप्तानी भी संभाली. उनका संन्यास का फैसला वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल 2025 से ठीक पहले आया है. श्रीलंका हालांकि खिताबी मुकाबले में जगह नहीं बना सकी. वह डब्ल्यूटीसी अंक तालिका में छठे स्थान पर रही.
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मैथ्यूज ने 2009 में टेस्ट डेब्यू किया था. इसके बाद से वह लगातार श्रीलंकाई टीम का हिस्सा रहे. उनकी कप्तानी में इस टीम ने कुछ कमाल की जीत भी हासिल की. इनमें 2014 में हेडिंग्ले में इंग्लैंड को हराना शामिल है. उस टेस्ट में इस खिलाड़ी ने दूसरी पारी में 160 रन की पारी खेलते हुए श्रीलंका को यादगार जीत दिलाई थी.
मैथ्यूज ने टेस्ट छोड़ते हुए क्या कहा
श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच जून में दो मैच की टेस्ट सीरीज खेली जानी है. इसका पहला मुकाबला गॉल में 17 जून से खेला जाएगा जो मैथ्यूज के करियर का 119वां मैच होगा. वे 38 साल के होने वाले हैं और अगले एक साल में श्रीलंका को ज्यादा टेस्ट नहीं खेलने हैं. ऐसे में उन्होंने संन्यास का फैसला किया. मैथ्यूज उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा,
अब खेल के सबसे पसंद किए जाने वाले फॉर्मेट को अलविदा कहने का समय है. श्रीलंका के लिए क्रिकेट खेलते हुए पिछले 17 साल मेरे लिए सबसे ज्यादा गर्व और सम्मान भरे रहे. जब कोई नेशनल जर्सी पहनता है तो उस देशभक्ति और सेवाभाव की कोई तुलना नहीं है. मैंने अपना सब कुछ क्रिकेट को दे दिया और क्रिकेट ने भी बदले में मुझे सब कुछ दिया और आज जो मैं हूं उसी की बदौलत हूं. जून में बांग्लादेश के खिलाफ पहला टेस्ट मैच मेरे लिए आखिरी टेस्ट होगा. मैं टेस्ट फॉर्मेट छोड़ रहा हूं लेकिन जैसी कि सेलेक्टर्स से बातचीत हुई उसके हिसाब से मेरे देश को जब भी जरूरत होगी तब मैं सफेद गेंद क्रिकेट के लिए सेलेक्शन के लिए उपलब्ध रहूंगा.
संगकारा-जयवर्धने के बाद मैथ्यूज का नाम
मैथ्यूज 8167 रन के साथ श्रीलंका की ओर से तीसरे सबसे ज्यादा टेस्ट रन वाले बल्लेबाज हैं. उनसे आगे कुमार संगकारा (12400) और महेला जयवर्धने (11814) के नाम आते हैं. मैथ्यूज ने टेस्ट में 16 शतक लगाए और उनकी औसत 44.62 की रही. 2013 से 2015 की अवधि उनका सुनहरा समय रहा. तब उन्होंने 59.45 की औसत से 2378 रन बनाए थे. ये रन उन्होंने पांचवें व छठे नंबर पर खेलते हुए जोड़े थे.
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