जिसे भारत का सबसे तेज बॉलर कहा गया उसे चोटों ने किया परेशान, बाद में जिताया वर्ल्ड कप

Munaf Patel Birthday: भारतीय क्रिकेट की पहचान स्पिनर्स और बल्लेबाजों की रही है.

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Munaf Patel Birthday: भारतीय क्रिकेट की पहचान स्पिनर्स और बल्लेबाजों की रही है. ऐसे में जब खबर आती है कि एक बॉलर है जो तेज गेंदबाजी करता है और तेज गेंदबाजी से मतलब है 150 की रफ्तार, तो उसको लेकर काफी उत्सुकता रहती है. ऐसा ही एक खिलाड़ी साल 2000 के आसपास भारतीय क्रिकेट में उभरा. उसके फर्स्ट क्लास मैच खेलने से पहले ही उसे भारतीय क्रिकेट के सबसे तेज गेंदबाज के नाम से पुकारा जाने लगा. शुरुआत भी उसने तेज गेंदबाज के तौर पर ही की लेकिन चोटों ने करियर को बिगाड़ दिया. यहां बात हो रही है मुनाफ पटेल. आज उनका जन्मदिन है. गुजरात के भरुच जिले में यह खिलाड़ी पैदा हुआ और आगे चलकर वर्ल्ड कप विजेता टीम का अहम सितारा बना.

 

मुनाफ पटेल भरुच के इकहर गांव से आते हैं और उन्होंने इकहर एक्सप्रेस भी कहा जाता है. किरण मोरे ने उन्हें नेट्स में बॉलिंग करते देखा था और यहां से चेन्नई में डेनिस लिली और टीए सेखर के पास एमआरएफ पेस फाउंडेशन भेज दिया. इसके बाद उन्हें भारतीय क्रिकेट का सबसे तेज बॉलर कहा जाने लगा. ऐसे में उन्हें साइन करने स्टेट एसोसिएशंस की लाइन लग गई. गुजरात, बड़ोदा और मुंबई उन्हें लेना चाहते थे. मुनाफ बाद में मुंबई के साथ गए. उनके मुंबई के साथ जाने में सचिन का अहम रोल रहा जिन्होंने मुनाफ के लिए मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन से बात की थी.

 

डेब्यू टेस्ट में लिए 7 विकेट

लेकिन मुनाफ को शुरू से ही चोटों ने परेशान किया. इससे उनकी स्पीड घटती गई. हालांकि बाद में उन्होंने रिवर्स स्विंग और यॉर्कर को अपना हथियार बनाया और बल्लेबाजों को परेशान किया. उन्होंने भारतीय टीम की तरफ से 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया. इससे पहले खेले गए मुकाबले में उन्होंने बोर्ड प्रेसीडेंट इलेवन की तरफ से खेलते हुए 10 विकेट चटकाए. डेब्यू टेस्ट में उन्होंने 97 रन देकर सात विकेट चटकाए. लेकिन घटती पेस और चोटों की वजह से वे टीम से अंदर-बाहर होते रहे.

 

वर्ल्ड कप के अनसंग हीरो

साल 2011 के वर्ल्ड कप टीम में मुनाफ को प्रवीण कुमार के चोटिल होने पर फायदा. तीसरे सीमर के तौर पर वे टीम इंडिया में चमके. जहीर और युवराज सिंह के बाद उन्होंने भारत के लिए तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लिए. उनके नाम 11 विकेट रहे. इस खेल से भारत की जीत में अहम योगदान दिया. भारतीय टीम के तत्कालीन बॉलिंग कोच एरिक सिमंस ने उन्हें वर्ल्ड कप जीत का अनसंग हीरो कहा था. मगर वर्ल्ड कप के कुछ महीने बाद उन्हें टीम से बाहर किया गया और वे फिर कभी वापसी नहीं कर पाए.

 

मुनाफ ने भारत के लिए 13 टेस्ट में 35, 70 वनडे में 86 और तीन टी20 में चार विकेट लिए. 

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