जेब में रखा लाल रुमाल और बने वर्ल्ड चैंपियन, जानिए कपिल देव के साथी का 'किस्‍मत कनेक्शन'

क्रिकेट के मैदान में जहां मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, भारत को वर्ल्ड कप जिताने वाले पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से लेकर विराट कोहली तक सभी ने कई कीर्तिमान अपने नाम किए हैं.

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नई दिल्‍ली. क्रिकेट के मैदान में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, भारत को वर्ल्ड कप जिताने वाले पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से लेकर विराट कोहली तक सभी ने कई कीर्तिमान अपने नाम किए हैं. वहीं अपनी काबिलियत से इतर ये सभी क्रिकेट खिलाड़ी किसी न किसी अंधविश्वास को भी मानते रहे हैं. सचिन तेंदुलकर जहां हमेशा बायें पैर का पैड पहले बांधते थे. जबकि कई साल तक उनके साथ ओपनिंग करने वाले जोड़ीदार वीरेंद्र सहवाग भी हमेशा अपनी जेब में लाल रुमाल लेकर मैदान में उतरते थे. वहीं इस कड़ी में भारत के एक और पूर्व वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ी मोहिंदर अमरनाथ का नाम भी शामिल है. भारत के लिए गेंद और बल्ले से धमाल मचाने वाले अमरनाथ भी अपने पास लाल रुमाल रखते थे और वह कपिल देव की कप्तानी में साल 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया का हिस्सा भी थे.

 

वर्ल्ड कप फाइनल में चमके अमरनाथ 
गौरतलब है कि इंग्लैंड के लॉर्ड्स मैदान पर कपिल देव की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने साल 1983 में वेस्टइंडीज के खिलाफ फाइनल मैच खेला. जिसमें मोहिंदर अमरनाथ को उनके हरफनमौला प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ़ द मैच चुना गया. अमरनाथ ने इस खिताबी मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए 26 रन बनाए. बाद में 7 ओवर में 12 रन देकर 3 विकेट भी चटकाए थे. जिसके चलते टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को मात देते हुए पहली बार वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया और भारत में क्रिकेट के खेल में क्रांति लाने का काम किया. 

 

लाल रुमाल रखते थे अमरनाथ 
अमरनाथ जब खेलते थे तो अपनी जेब में एक लाल रुमाल रखते थे. इसके बारे में जब उनसे एक शो में पूछा गया तो उन्होंने राज से पर्दा उठाते हुए कहा था कि मेरे पिता (लाला अमरनाथ) बहुत बड़े खिलाड़ी थे अपने वक्त के. हालांकि, मैंने कभी उन्‍हें खेलते नहीं देखा था. मैंने उनकी बातें सुनी थीं, बहुत ज्यादा. मुझे यह कहा जाता था कि जब वह खेलते थे तो वह लाल रुमाल रखा करते थे. मेरा यह ड्रीम था, मैं उनकी तरह बनना चाहता था. लेकिन मेरे में उतना टैलेंट नहीं था, जितना उनमें था. हम जितने भी क्रिकेटर होते हैं उनमें से अधिकतर कुछ अलग करते हैं. 

 

लाल रुमाल चोरी करना चाहते थे वेस्टइंडीज खिलाड़ी 
अमरनाथ ने आगे बताया था कि मैंने सोचा ऐसी कौन सी चीज है, जो मुझे मदद कर सकती है. तो मैंने जब खेलना शुरू किया तो मैंने वह लाल रुमाल रखना शुरू कर दिया. जब भी मैं उसे रखता था अपनी पॉकेट में, तो मेरी परफॉर्मेंस होती थी. जब मैं कमबैक कर रहा था, तब भी मुझे बहुत कामयाबी उससे मिली. मुझे याद है कि एक टेस्ट मैच हम खेल रहे थे वेस्टइंडीज में. तब माइकल होल्डिंग ने कहा था कि इसका लाल रुमाल चोरी कर लो, तो शायद यह फेल हो जाएगा, क्योंकि मेरी वह सीरीज काफी अच्छी जा रही थी. तो लाल रुमाल इसलिए भी मेरा लकी कलर रहा है. अमरनाथ ने उस शो के अंत में कहा था कि मैं इसे ऐसे मौके पर रखता हूं, जो स्पेशल होते हैं. 

 

अमरनाथ का प्रदर्शन 
बता दें कि कपिल देव की कप्तानी वाली टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले मोहिंदर अमरनाथ का इस टूर्नामेंट में गेंद और बल्ले से अहम योगदान रहा. उन्हें सेमीफाइनल और फाइनल दोनों मैचों में मैन ऑफ़ द मैच अवार्ड भी मिला. यही कारण है कि पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और तेज़ गेंदबाज़ इमरान ख़ान उन्हें दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ मानते थे. अमरनाथ ने भारत के लिए करीब 19 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला, जिसमें उनके नाम 69 टेस्ट मैचों में बल्ले से जहां 4378 रन तो गेंद से उनके नाम 32 विकेट शामिल हैं. इसके अलावा वनडे क्रिकेट की बात करें तो उनके नाम 85 वनडे मैचों में 1924 रन और 46 विकेट दर्ज है. जबकि भारत के घरेलू फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम 248 मैचों में 13747 रन दर्ज हैं. 

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