एक बॉलर के एक मुकाबले के आंकड़े देखिए- 6.4-6-0-5. यानी लगभग साढ़े छह ओवर और सभी मेडन. साथ ही पांच विकेट मिले.कितनी रोमांचकारी और विरोधी टीम के लिए किस कदर तबाह कर देने वाली बॉलिंग रही होगी. यह सब किया था पर्सी मिल्स ने, जिन्होंने 1928 में आज ही के दिन समरसेट के खिलाफ काउंटी चैंपियनशिप के मुकाबले में कहर बरपा दिया था. ग्लूसेस्टरशर के लिए खेलने वाले मीडियम गति के गेंदबाज पर्सी मिल्स की बॉलिंग इतनी जबरदस्त रही कि समरसेट की टीम तीन विकेट पर 71 रन के स्कोर से 90 पर ऑल आउट हो गई और उसे 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा.
ADVERTISEMENT
यह घटना है साल 1928 की.ग्लूसेस्टरशर और समरसेट का मैच 28 मई को शुरू हुआ था लेकिन पर्सी मिल्स ने बॉलिंग से जो कमाल किया वह 1 जून 1928 को हुआ. ब्रिस्टल में खेले गए इस मुकाबले में अपनी बॉलिंग के आंकड़ों के दम पर पर्सी मिल्स अमर हो गए और केवल चौथे ही गेंदबाज बने जिन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बिना कोई रन दिए पांच बल्लेबाजों को आउट करने का कमाल किया.
मैच में क्या हुआ
मैच की बात की जाए तो समरसेट ने पहले बैटिंग की. पहली पारी में उसने 255 रन बनाए. मिल्स ने इस दौरान 32 ओवर फेंके और 12 मेडन के साथ 60 रन खर्च करने पर उन्हें एक विकेट मिला. यह विकेट आठवें नंबर के बल्लेबाज जीएफ अर्ल का रहा. समरसेट के जवाब में ग्लूसेस्टरशर ने पहली पारी में ओपनर अल्फ्रेड डिपर के शतक की बदौलत 331 रन बनाए. मिल्स बैटिंग में नाकाम रहे और खाता खोले बिना आउट हुए.
दूसरी पारी में आया मिल्स का तूफान
अब आती है समरसेट की दूसरी पारी की बैटिंग की बारी. टीम ठीकठाक बैटिंग कर रही थी और 45 रन पर तीन विकेट गंवाने के बाद 71 रन तक पहुंच चुकी थी. यहीं पर बॉलिंग अटैक पर लगाए जाते हैं पर्सी मिल्स. उनके आने के बाद तो समरसेट की बैटिंग ताश के पत्तों की तरह ढह जाती है. कोई बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा तक नहीं छू पाता है. देखते ही देखते स्कोर 3 विकेट पर 71 रन से 90 पर ऑल आउट हो जाता है. मिल्स को पांच विकेट मिलते हैं. वहीं चार्ली पार्कर चार विकेट चटकाते हैं. ग्लूसेस्टरशर को जीत के लिए 15 रन का लक्ष्य मिलता है जिसे वह बिना विकेट गंवाए हासिल कर लेता है.
मिल्स का करियर
पर्सी मिल्स की बात की जाए तो उन्होंने अपने करियर में 347 फर्स्ट क्लास मुकाबले खेले. इनमें 825 विकेट लिए. उन्होंने 39 बार एक पारी में पांच विकेट लेने का कमाल किया. साथ ही 5051 रन भी उनके नाम रहे. उनका क्रिकेट करियर 1902 से 1929 के बीच चला.
ADVERTISEMENT