इस खास मौके पर नए बल्‍ले से तौबा करते थे द्रविड़, बैटिंग के वक्‍त दाएं पैर की ये थी कहानी

टेस्ट क्रिकेट में 36 शतक बनाने वाले राहुल द्रविड़ के नाम वनडे क्रिकेट मे कुल 12 शतक हैं. राहुल द्रविड़ ने यहां तक पहुंचने के लिए एक जबरदस्त समर्पण का परिचय दिया है. 

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नई दिल्‍ली. राहुल द्रविड़… (Rahul Dravid) क्रिकेट जगत का ऐसा नाम जिसने खिलाड़ियों को संयमित और शांत रहना सिखाया. वर्तमान में क्रिकेट भले ही कितना भी बदल गया हो लेकिन राहुल द्रविड़ की बल्लेबाजी को भुलाना किसी के लिए भी बेहद ज्यादा मुश्किल है. टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले द्रविड़ ने अपनी बल्लेबाजी से टेस्ट क्रिकेट को हमेशा के लिए बदल दिया और ये साबित किया कि अगर कोई भी बल्लेबाज शुरुआत में गेंदबाजों को थकाता है तो वो बाद में जमकर रन बना सकता है. चाहे कोई भी परिस्थिति हो द्रविड़ अपनी बल्लेबाजी से विरोधी टीम का पूरा गेम बदलकर रख देते थे. लेकिन आखिर उन्हें इतनी सफलता कैसे मिली? इसके पीछे उनकी मेहनत तो जरूर है लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि उन्होंने अपने करियर में कई टोटके भी आजमाए. 

 

नहीं करते थे नए बल्ले का इस्तेमाल
टेस्ट क्रिकेट में 36 शतक बनाने वाले राहुल द्रविड़ के नाम वनडे क्रिकेट मे कुल 12 शतक हैं. राहुल द्रविड़ ने यहां तक पहुंचने के लिए एक जबरदस्त समर्पण का परिचय दिया है. उन्होंने खूब मेहनत की और इसी के दम पर वहां तक पहुंचे, जहां तक पहुंचने का सपना हर क्रिकेटर देखता है. उन्‍होंने दिखाया कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता. 

 

राहुल द्रविड़ का लकी चार्म था उनका दायां पैर. दरअसल, बल्लेबाजी करने जाते वक्‍त द्रविड़ हमेशा अपना दायां पांव पहले मैदान के अंदर रखते थे. वहीं बल्लेबाजी के लिए तैयार होते समय वो हमेशा दाएं पांव की थाई पैड को पहले पहनते थे. इतना ही नहीं, द्रविड़ किसी भी सीरीज की शुरुआत में कभी भी नए बल्ले का इस्तेमाल नहीं करते थे. इसके अलावा राहुल द्रविड़ हर टेस्ट में एक न एक नया कपड़ा पहनकर उतरते थे. मतलब उनके पास कुछ न कुछ नई चीज होती थी. ऐसे नुस्‍खे अपनाते वक्‍त उन्‍हें यकीन था कि इससे उनकी बल्‍लेबाजी को फायदा होगा. 

बेडरूम में करते थे अभ्यास
इसके अलावा द्रविड़ एक और अजीबोगरीब काम करते थे. द्रविड़ होटल के कमरे या फिर अपने बेडरूम में भी प्रैक्टिस करते थे. द्रविड़ ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्हें नींद नहीं आती थी तो वो अपने बल्ले को उठाते थे और शीशे के सामने शैडो प्रैक्टिस करते थे. कई बार बैट को होटल के फर्श पर मारने से आवाज होती थी और उनके साथी खिलाड़ी उन्हें चिढ़ाते थे. इसके अलावा उनकी शादी के बाद पत्नी विजेता को तो ये लगता था कि द्रविड़ को नींद में क्रिकेट खेलने की बीमारी है.

 

द्रविड़ का करियर
क्रिकेट के असल जेंटलमैन राहुल द्रविड़ ने भारत के लिए 164 टेस्ट मैच के अलावा 344 वनडे मैचों में भी हिस्सा लिया. द्रविड़ ने 36 टेस्ट शतक लगाए और वनडे में उनके बल्ले से 12 शतक निकले. द्रविड़ ने 52.32 के बेहतरीन औसत से 13288 टेस्ट रन बनाए और वनडे में उन्होंने 39.16 की औसत से 10889 रन जोड़े.

 

द्रविड़ के रिकॉर्ड
राहुल द्रविड़ के कुछ धांसू रिकॉर्ड की बात करें तो उन्‍होंने नंबर तीन पर खेलते हुए टेस्ट क्रिकेट में 10524 रन बनाए हैं. अन्य कोई बल्लेबाज नंबर तीन पर खेलते हुए इतने रन बनाने में कामयाब नहीं हुआ है. वहीं सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर राहुल द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट में 20 शतकीय साझेदारी निभाई है. सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ ने मिलकर 6920 रन बनाए. इन दोनों के इस रिकॉर्ड को अब तक कोई नहीं तोड़ पाया है. इसके अलावा क्रीज पर एक छोर पकड़कर खड़े होने वाले राहुल द्रविड़ के नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा गेंद खेलने का रिकॉर्ड दर्ज है. टेस्ट क्रिकेट में 13 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले राहुल द्रविड़ ने अपने करियर में 31 हजार 258 गेंदों का सामना किया. किसी अन्य बल्लेबाज ने इतनी गेंद नहीं खेली. 

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